Mukhtar Ansari Death: UP के कई शहरों में हाई अलर्ट, सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई गई

गैंगस्टर-राजनेता मुख्तार अंसारी की हार्ट अटैक से मौत हो गई है, मौत के बाद यूपी के कई शहरों को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
Mukhtar Ansari
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नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। मुख्तार अंसारी की मौत के बाद यूपी के कई शहरों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। बांदा, मऊ, गाज़ीपुर और बनारस में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। यहां ज्यादा संख्या में लोगों के इकट्ठा होने पर भी रोक लगा दी गई है।

गौरतलब है कि मुख्तार अंसारी पांच बार विधायक रह चुका था। यूपी के मऊ इलाके में उसकी अच्छी खासी धाक रही है। अंसारी साल 2005 से जेल में बंद था। साल 2019 में अंसारी को ट्रांजिट रिमांड पर पंजाब के रोपड़ जेल ले जाया गया था, वहां से 2021 में उसे वापस यूपी लाया गया था। तब से ही वो बांदा जेल में बंद था।

कैसे हुई मुख्तार अंसारी की मौत?

मुख्तार अंसारी की मौत हार्ट अटैक से हुई। तबीयत बिगड़ने की शिकायत के बाद जेल प्रशासन ने मुख्तार अंसारी को बांदा के टिंडवाड़ा स्थित मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अंसारी को यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन था, उसे ICU में रखा गया था। डॉक्टर्स सर्जरी करने पर विचार कर रहे थे, लेकिन 28 मार्च की रात दिल का दौरा पड़ने से मुख्तार अंसारी की मौत हो गई।

13 मार्च को सुनाई गई थी आजीवन कारावास की सज़ा

वाराणसी के एमपी-एमएलए कोर्ट ने 13 मार्च को हथियारों का फर्जी लाइसेंस जारी करने के एक मामले में मुख्तार अंसारी को आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई थी। ये मामला 1987 का है, जब अंसारी ने फर्जी हस्ताक्षर के जरिए एक दोनाली के लिए फर्जी लाइसेंस जारी करवा दिया था। मामला 1990 में दर्ज किया गया था। ज्ञात हो कि भारत में बिना लाइसेंस के कोई भी हथियार रखना गैर-कानूनी है।

जेल में जान के खतरे का जताया था शक

मुख्तार अंसारी ने भी जेल में जान के खतरे की आशंका जताई थी। अंसारी ने बाराबंकी कोर्ट को बताया था कि उसकी सेहत बिगड़ रही है। उसने आरोप लगाया था कि उसे जेल में खाने में जहर डालकर दिया जा रहा है। अंसारी ने 21 मार्च को अपने आवेदन में लिखा था कि 19 मार्च को उसे लगा कि उसके खाने में कुछ मिलाया जा रहा है, क्योंकि उसके बाद उसकी नसों में दर्द होने लगा था। अंसारी ने लिखा था कि बाद में दर्द उसके पूरे शरीर में पैल गया था। अंसारी ने अपनी चिट्ठी में ये भी लिखा था कि करीब 40 दिन पहले भी उसे खाने में किसी तरह का धीमा जहर दिया गया था। ये भी दावा किया गया था कि खाना बनाने वाले जेल कर्मियों ने जब वो खाना खाया, तो वो भी बीमार पड़ गए थे।

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