US Senatorial Report: अमेरिकी सीनेट ने की भारत की पैरवी, दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश का हो समर्थन

विदेश मामलों की संसदीय समिति के अध्यक्ष रॉबर्ट मेनेंडेज ने रिपोर्ट जारी करते हुए कहा है कि अमेरिका को हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अच्छी तरह से पुनर्जीवित करने की जरूरत है।
US Senatorial Report: अमेरिकी सीनेट ने की भारत की पैरवी, दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश का हो समर्थन

नई दिल्ली, एजेंसी। अमेरिकी सीनेट की विदेश मामलों की संसदीय समिति ने मजबूत और लोकतांत्रिक भारत का समर्थन करने की बात कही है। समिति की रिपोर्ट में अमेरिका से भारत और रूस के संबंधों पर भी ध्यान देने की अपील की गयी है।

राजनयिक और विकास एजेंसियों के लिए धन में काफी वृद्धि करनी चाहिए

विदेश मामलों की संसदीय समिति के अध्यक्ष रॉबर्ट मेनेंडेज ने रिपोर्ट जारी करते हुए कहा है कि अमेरिका को हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अच्छी तरह से पुनर्जीवित करने की जरूरत है। बाइडन प्रशासन को राजनयिक और विकास एजेंसियों के लिए धन में काफी वृद्धि करनी चाहिए।

भारत को एक महत्वपूर्ण सुरक्षा भागीदार के रूप में सही माना गया

विदेशी सहायता का एक बड़ा हिस्सा हिंद प्रशांत क्षेत्र में अग्रिम प्राथमिकताओं के लिए समर्पित करना चाहिए। साथ ही सैन्य सुरक्षा, राजनयिक व आर्थिक क्षेत्रों में पूर्ण सरकारी दृष्टिकोण की आवश्यकता बताई गयी है। एक मजबूत और लोकतांत्रिक भारत के समर्थन का आह्वान करते हुए रिपोर्ट में भारत को एक महत्वपूर्ण सुरक्षा भागीदार के रूप में सही माना गया है। रूस पर भारत की निर्भरता और उसके संबंधों पर ध्यान देने की जरूरत पर भी बल दिया गया है

दोनों देशों के बीच सुरक्षा संबंध गहरे हुए

भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की जून 2022 की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा गया है कि अमेरिका के साथ भारत का व्यापार चीन से अधिक हो गया है, जो वाशिंगटन और नई दिल्ली के बीच बढ़ते घनिष्ठ संबंधों का सबूत है। दावा किया गया है कि हाल के वर्षों में दोनों देशों के बीच सुरक्षा संबंध गहरे हुए हैं।

दोनों देशों ने क्वांटम कंप्यूटिंग, 5जी व 6जी नेटवर्क, अंतरिक्ष, सेमीकंडक्टर्स के सहयोग

दोनों देशों के चीन के बढ़ते प्रभुत्व से चिंतित होने की बात को आधार बताया गया है। कहा गया है कि अमेरिका और भारत अब प्रमुख रक्षा साझेदार हैं और दोनों देशों ने क्वांटम कंप्यूटिंग, 5जी व 6जी नेटवर्क, अंतरिक्ष, सेमीकंडक्टर्स, बायोटेक और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर सहयोग बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों पर एक नई पहल शुरू की है।

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