अब सरकार का पैसा लेकर भागने वालों की खैर नहीं, आर्थिक अपराधियों को PM का सख्त संदेश, कहा- सरकार कर रही पीछा

मोदी सरकार ने आर्थिक अपराधियों के नाम में दम कर रखा है। भारत की जनता का पैसा लेकर भागने वाले अब चैन से नहीं रह पा रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। मोदी सरकार ने आर्थिक अपराधियों के नाम में दम कर रखा है। भारत की जनता का पैसा लेकर भागने वाले अब चैन से नहीं रह पा रहे हैं। इसका ताजा उदाहरण है सरकार के द्वारा आर्थिक अपराधियों से संपत्ति की वसूली। भारत सरकार ने बैंक का पैसा लेकर भागने वाले आर्थिक अपराधियों से अब तक 1.8 बिलियन डॉलर से ज्यादा की संपत्ति जब्त कर ली गई है। यह कहना है पीएम मोदी का। मौका था कोलकाता में आयोजित जी-20 भ्रष्टाचार विरोधी मंत्रिस्तरीय बैठक में वीडियो संदेश का। पीएम इस मौके पर जमकर आर्थिक अपराध करने वालों को सुनाया। इसके साथ ही यह भी साफ कर दिया कि अब भारत में पैसे लेकर भागने वाले बच नहीं पाएंगे।

सरकार कर रही आर्थिक अपराधियों का पीछा

इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार आक्रामक रूप से आर्थिक अपराधियों का पीछा कर रही है और आर्थिक अपराधियों और भगोड़ों से 1.8 बिलियन डॉलर से अधिक की संपत्ति की वसूली हुई है। उन्होंने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम का भी उल्लेख किया, जिसने 2014 से अपराधियों की 12 बिलियन डॉलर से अधिक की संपत्ति जब्त करने में मदद की है।

पैसे लेकर भागने वालों से नौ तरीके से निपट रही सरकार

प्रधानमंत्री ने 2014 में अपने पहले जी-20 शिखर सम्मेलन में सभी जी20 देशों और ग्लोबल साउथ के लिए भगोड़े आर्थिक अपराधियों की चुनौतियों पर हुई चर्चों को याद किया। उन्होंने भगोड़े आर्थिक अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई और संपत्ति की वसूली के लिए नौ सूत्री एजेंडा पेश करने का भी उल्लेख किया। 2018 में जी-20 शिखर सम्मेलन और कार्य समूह द्वारा निर्णायक कदम उठाए जाने पर प्रसन्नता व्यक्त की। प्रधानमंत्री ने तीन प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर कार्रवाई-उन्मुख उच्च-स्तरीय सिद्धांतों का स्वागत किया, अर्थात्, सूचना साझा करने के माध्यम से कानून प्रवर्तन सहयोग, संपत्ति वसूली तंत्र को मजबूत करना, और भ्रष्टाचार विरोधी अधिकारियों की अखंडता और प्रभावशीलता को बढ़ाना।

भ्रष्टाचार के खिलाफ हमारी लड़ाई संयुक्त

उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच अनौपचारिक सहयोग पर एक सहमति बनी है जो अपराधियों को सीमा पार करते समय कानूनी खामियों का फायदा उठाने से रोकेगी। समय पर संपत्ति का पता लगाने और अपराध से प्राप्त आय की पहचान के महत्व पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने देशों को अपने घरेलू संपत्ति पुनर्प्राप्ति तंत्र को बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करने की आवश्यकता पर बल दिया। मोदी ने सुझाव दिया कि जी-20 देश विदेशी संपत्तियों की वसूली में तेजी लाने के लिए गैर-दोषी-आधारित जब्ती का उपयोग करके एक उदाहरण स्थापित कर सकते हैं और कहा कि यह उचित न्यायिक प्रक्रिया के बाद अपराधियों की त्वरित वापसी और प्रत्यर्पण सुनिश्चित करेगा। उन्होंने जोर देकर कहा, 'यह भ्रष्टाचार के खिलाफ हमारी संयुक्त लड़ाई के बारे में एक मजबूत संकेत भेजेगा।'

इस जंग में ऑडिट संस्थानों की भूमिका अहम

प्रधानमंत्री ने कहा कि जी-20 देशों के सामूहिक प्रयास भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण रूप से समर्थन कर सकते हैं और अंतरराष्ट्रीय सहयोग बढ़ाने और भ्रष्टाचार के मूल कारणों को संबोधित करने वाले मजबूत उपायों के कार्यान्वयन के माध्यम से एक बड़ा अंतर लाया जा सकता है। मोदी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में ऑडिट संस्थानों की भूमिका पर भी प्रकाश डाला।

आर्थिक अपराधियों के नाम-

नीरव मोदी

विजय माल्या

हर्षद मेहता

आर अग्रवाल

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