जानिए कौन बनाता है सेना की वर्दी, बुलेटप्रूफ जैकेट और पैराशूट, इस कंपनी को मिला है 5000 करोड़ रुपये का ऑर्डर

सांसद ने कहा कि अगर उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो वह इस मुद्दे को सदन में उठाएंगे। इसके बाद रक्षा मंत्री ने ऑर्डनेंस फैक्टरियों की रिपोर्ट तलब की तो मामला सही पाया गया।
जानिए कहां बनती है सेना की वर्दी, बुलेट प्रूफ जैकेट और पैराशूट
जानिए कहां बनती है सेना की वर्दी, बुलेट प्रूफ जैकेट और पैराशूट

कानपुर, हि.स.। सेना के लिए वर्दी, बुलेट प्रूफ जैकेट समेत कई उत्पाद तैयार करने वाली कानपुर के ऑर्डनेंस कारखाने को पांच हजार करोड़ वर्क आर्डर देकर रक्षा मंत्रालय ने जान फूंक दिया। सेना के द्वारा दिए आर्डर को तैयार करने में पांच वर्ष लगेगा। इतने बड़े वर्क आर्डर से आयुध उपस्कार निर्माणी की हालात भी अब बदल जायेगी। यह जानकारी मीडिया से सांसद सत्यदेव पचौरी ने दी।

पांच हजार करोड़ का मिला ऑर्डर

उन्होंने बताया कि आयुध उपस्कर निर्माणी (ओईएफ) कानपुर सेना के लिए वर्दी, बुलेट प्रूफ जैकेट समेत 265 जरूरत के उत्पाद बनाती है। आर्मी, नेवी और एयरफोर्स की वर्दी और बुलेट प्रूफ जैकेट से लेकर पैराशूट समेत अन्य उत्पाद कानपुर की ऑर्डनेंस फैक्टरी में ही बनेगा। फिलहाल निजी कंपनियों से खरीद-फरोख्त नहीं होगी। सांसद ने कहा कि नॉन कोर आइटम बनाने वाले डिफेंस फैक्टरियों का हाल रक्षामंत्री के सामने रखा था और कहा था कि अगर मांग पूरी नहीं हुई तो वह इस मुद्दे को लोकसभा के सदन में उठाएंगे। इससे पहले ही रक्षा मंत्रालय ने ऑर्डनेंस फैक्टरियों की माली हालत को देखकर पांच हजार करोड़ का ऑर्डर देकर जान फूंक दिया है।

उत्पाद निजी क्षेत्र से भी सकती हैं खरीद

श्री पचौरी ने बताया कि कानपुर की सेना के लिए नॉन कोर आइटम बनाने वाली ट्रूप कंफर्ट लिमिटेड (टीसीएल) और ग्लैडर इंडिया लिमिटेड (जीआईएल) के तहत जल, थल और एयरफोर्स के लिए वर्दी, टेंट, कंबल, ग्लब्स समेत 256 उत्पाद बनाती है। इनके उत्पाद नॉन कोर घोषित होने के बाद तय हुआ था कि अब सेना यहां बनने वाले उत्पाद निजी क्षेत्र से भी खरीद सकती हैं। इसके बाद से इन कंपनियों का भविष्य अधर में लटक गया था। इस प्रकरण को लेकर सांसद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की और बताया कि उनकी नॉन कोर उत्पाद बनाने वाली फैक्टरियों के पास काम ही नहीं है। निजी कंपनियों से माल खरीदा जा रहा है। ओईएफ और पैराशूट जैसी प्रतिष्ठित रक्षा प्रतिष्ठान अपने अस्तित्व बचाने के लिए जूझ रहे हैं।

सत्यदेव पचौरी के साथ ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को दिया धन्यवाद

सांसद ने कहा कि अगर उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो वह इस मुद्दे को सदन में उठाएंगे। इसके बाद रक्षा मंत्री ने ऑर्डनेंस फैक्टरियों की रिपोर्ट तलब की तो मामला सही पाया गया। इसके बाद उन्होंने सेना के लिए जूता-मोजा, वर्दी, टेंट और पैराशूट समेत 265 उत्पाद बनाने वाली टीसीएल और जीआईएल समूह की ऑर्डनेंस इक्यूपमेंट फैक्टरी (ओईएफ) और ऑर्डनेंस पैराशूट फैक्टरी (ओपीएफ) को सेना के लिए जरूरत की सामान बनाने का करीब पांच हजार करोड़ का ऑर्डर दिया है। कंपनी के अधिकारियों कहना है कि इस कार्य को पूरा करने में लगभग पांच वर्ष का समय लगेगा। रक्षा मंत्री ने इन फैक्ट्ररियों में जान फूंक दी है। कर्मचारियों में खुशी की लहर है। कर्मचारी यूनियन ने सांसद सत्यदेव पचौरी के साथ ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को धन्यवाद दिया है।

पांच हजार वर्क आर्डर से बदलगी कर्मचारियों की माली हालत

एआईडीईएफ के महासचिव सी. श्रीकुमार ने भी रक्षा मंत्री से इन फैक्टरियों के लिए रक्षा मंत्री से पत्र लिखते हुए गुहार लगाई थी। इन रक्षा फैक्टरियों में काफी संख्या में महिला कर्मचारी भी काम कर रही हैं, इन कारखानों की स्थापित क्षमता का पूरी तरह से उपयोग किया जाए। कार्य का बोझ बढ़ने के साथ ही कारखानों में काम कर रहे मजदूरों की हालत में काफी सुधार आएगा।

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