जानिए क्या है सोलर मिशन आदित्य एल-1 की विशेषताएं, दूसरे देशों के मुकाबले काफी कम है बजट

चंद्रयान-3 मिशन के तरह ही आदित्य एल-1 मिशन भी लॉन्च के बाद सबसे पहले पृथ्वी की कक्षा में चक्कर लगाते हुए 15 लाख किलोमीटर का सफर तय करके सूर्य के एल वन प्वाइंट पर पहुंचेगा।
जानिए क्या है सोलर मिशन आदित्य एल-1 की विशेषताएं
जानिए क्या है सोलर मिशन आदित्य एल-1 की विशेषताएं

नई दिल्ली, हि.स.। देश का पहले सूर्य मिशन आदित्य एल-1 के लिए काउंटडाउन शुरू हो चुका है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने शुक्रवार को बताया कि भारत का पहला सौर मिशन आदित्य एल-1 शनिवार यानी 2 सितंबर को सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्पेस सेंटर से लॉन्च किया जाएगा। आइए जानते हैं क्या है आदित्य एल वन की विशेषताएं।

तय करेगा 15 लाख किलोमीटर का सफर

चंद्रयान-3 मिशन के तरह ही आदित्य एल-1 मिशन भी लॉन्च के बाद सबसे पहले पृथ्वी की कक्षा में चक्कर लगाते हुए 15 लाख किलोमीटर का सफर तय करके सूर्य के एल वन प्वाइंट पर पहुंचेगा। इसी प्वाइंट पर चक्कर लगाते हुए आदित्य-एल-1 सूर्य की सबसे बाहरी परत यानी कोरोना से निकलने वाली किरणों पर शोध करेगा।

दूसरे देशों के मुकाबले बजट कम

उल्लेखनीय है कि भारत ने अन्य देशों के सूर्य मिशन के मुकाबले इसे बहुत कम बजट में तैयार किया है। आदित्य एल-1 मिशन की लागत 380 करोड़ रुपये आई है। नासा ने जो अपना सूर्य मिशन भेजा था, उसमें कुल 12,000 करोड़ रुपये का खर्च आया था।

सूर्य से निकलने वाली किरणों की करेगा जांच

वैज्ञानिकों के मुताबिक इस मिशन के तहत इसरो सूर्य की बाहरी परत कोरोना के आसपास के वायुमंडल की जांच करेगा। इसके अलावा सूर्य से निकलने वाली फ्लेयर्स, क्रोमोस्फेरिक और कोरोनल हीटिंग की भी स्टडी करेगा। सूर्य के आस-पास की हवा और उसकी संरचना की भी जांच करेगा। पृथ्वी की तुलना में सूर्य 109 गुना अधिक बड़ा है।

पूरा हुआ रिहर्सल

बता दें कि इसके साथ ही इसरो ने उन प्लेटफॉर्म्स की भी जानकारी साझा की है, जहां शनिवार की सुबह 11:20 बजे से आदित्य एल-1 की लॉन्चिंग को लाइव देखा जा सकता है। आदित्य एल-1 की लॉन्चिंग से पहले इसरो के वैज्ञानिकों की एक टीम शुक्रवार को आदित्य-एल-1 मिशन के मॉडल के साथ तिरुमाला श्री वेंकटेश्वर मंदिर में पूजा-अर्चना करने पहुंची और मिशन की सफलता के लिए प्रार्थना की। इससे पहले इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने गुरुवार को बताया कि इस मिशन का रिहर्सल भी सफलतापूर्वक कर लिया गया है। अब इस मिशन की लॉन्चिंग की पूरी तैयारी की जा चुकी है। इस मिशन के तहत इसरो सूर्य का अध्ययन करेगा और वहां से जुड़े रहस्यों को जानने की कोशिश करेगा।

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