G20 Summit 2023: क्या-क्या हुआ, किन मुद्दों पर बनीं सहमति; यहां पर जानिए सब कुछ

G20 Summit 2023: जी20 शिखर सम्मेलन की शुरुआत 9 सितंबर को हुई। इसका पहला सत्र सुबह साढ़े दस बजे से दोपहर डेढ़ बजे तक चला जो 'वन अर्थ' पर आयोजित किया गया।
G20 Summit 2023
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नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। भारत जी-20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी जोर शोर से कर रहा है। विदेशी मेहमान भी इस मेहमान नवाजी से काफी खुश दिख रहे हैं। पीएम मोदी का आवभगत और गर्मजोशी से मुलाकात की चर्चा हर तरफ मीडिया में भी सुर्खियां बटोर रही हैं। ऐसे में यह सवाल काफी अहम होता दिख रहा है कि आखिरी इस ग्रैंड आयोजन से भारत दुनिया को क्या मैसेज देना चाह रहा है। इस मेगा इवेंट जिसमें हर छोटे बड़े देश के नेताओं ने शिरकत की है। यहां पर हम जानेंगे कि शनिवार को दो सेशन में आयोजित किए गए जी20 समिट में मुख्य रूप से क्या-क्या हुआ।

जी-20 सम्मेलन का पूरा टाइम टेबल

जी20 शिखर सम्मेलन की शुरुआत 9 सितंबर को हुई। इसका पहला सत्र सुबह साढ़े दस बजे से दोपहर डेढ़ बजे तक चला जो 'वन अर्थ' पर आयोजित किया गया। वहीं 'वन फैमिली' पर दूसरा सत्र दोपहर 3 बजे से 4.45 बजे तक चला।

रविवार यानी 10 सितंबर को जी20 सम्मेलन के आखिरी दिन 'वन फ़्यूचर' पर तीसरा सत्र सुबह 10 बजे से दोपहर 12.30 बजे तक आयोजित किया जाएगा। इस सत्र के बाद जी20 शिखर सम्मेलन समाप्त हो जाएगा।

पहले सेशन में क्या-क्या हुआ?

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन का पहला दिन सफल रहा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में ये बैठक आयोजित की गई। शनिवार को जी-20 सम्मेलन की शुरूआत ‘वन अर्थ’ थीम के साथ हुई। बैठक का पहला में कई अहम मुद्दों पर चर्चा की गई।

आपसी विश्वास से कोई संकट नहीं टिकेगा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी-20 सम्मलेन में 'वन सन, वन वर्ड, वन ग्रिड' पर जोर दिया। पीएम मोदी ने कहा कि पूरी दुनिया नया समाधान मांग रही है। आपसी विश्वास से कोई संकट नहीं टिकेगा और जो भरोसे का संकट है उसे मिलकर दूर करेंगे। पीएम ने आगे कहा कि 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास' मंत्र पथ प्रदर्शक है।

भारत ने लाइफ मिशन जैसी पहल पर काम किया

जी-20 सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए पीएम मोदी ने वन अर्थ का जिक्र करते हुए मानव केंद्रित विकास को आगे बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इस पर भारतीय संस्कृति ने हमेशा जोर दिया है। पीएम मोदी ने इस दौरान कहा कि 'यह एक ब्रह्मांड की भावना पर आधारित है जिसके तहत भारत ने लाइफ मिशन जैसी पहल पर काम किया है, ग्रीन ग्रिड पहल शुरू की है, अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष पर जोर दिया है- वन सन, वन वर्ल्ड, वन ग्रिड, प्राकृतिक खेती सौर ऊर्जा का उपयोग और राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन को प्रोत्साहित किया।'

दुनिया के कई बड़े धर्मों ने यहां जन्म लिया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बैठक के दौरान दुनिया ध्यान अपनी तरफ खींचने के लिए वन अर्थ पर जोर दिया। उन्होंने कहा 'अध्यात्म, भारत, आस्था और परंपराओं की डायवर्सिटी की भूमि है। दुनिया के कई बड़े धर्मों ने यहां जन्म लिया है। दुनिया के हर धर्म ने यहां सम्मान पाया। "Mother of Democracy” के रूप में, संवाद और लोकतान्त्रिक विचारधारा पर अनंत काल से हमारा विश्वास अटूट है।'

भारत ने पर्यावरण मिशन के लिए जीवनशैली की शुरुआत की

पीएम ने आगे कहा कि हमारा वैश्विक व्यवहार, ‘वसुधैव कुटुम्बकम’, यानि world is one family के मूल भाव पर आधारित है। विश्व को एक परिवार मानने का यही भाव, हर भारतीय को वन अर्थ के दायित्व-बोध से भी जोड़ता है। One Earth की भावना से ही भारत ने पर्यावरण मिशन के लिए जीवनशैली की शुरुआत की है। उन्होंने बताया कि भारत के आग्रह पर, और आप सबके सहयोग से, पूरा विश्व इस साल अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष मना रहा है, और यह भी पर्यावरण की सुरक्षा की भावना से जुड़ा हुआ है। इसी भावना के साथ, COP-26 में भारत ने "Green Grids Initiative - One Sun, One World, One Grid” लॉन्च किया था। आज भारत विश्व के उन देशों में है जहां बहुत बड़े पैमाने पर सौर ऊर्जा क्रांति चल रही है।

जी-20 के दूसरे सेशन में क्या-क्या हुआ

जी-20 के दूसरे सेशन में 'वन फैमिली' थीम पर फोकस रहा। इस दौरान डेक्लेरेशन (G20 New Delhi Declaration) पर सभी सहभागी देशों के बीच सहमति बनी। प्रधानमंत्री मोदी (ने समिट के दूसरे सेशन 'वन फैमिली' में इसकी जानकारी देते हुए कहा, 'मैं इस डेक्लेरेशन को स्वीकार करने की घोषणा करता हूं। इसे सफल बनाने के लिए सभी मंत्रियों और अधिकारियों का शुक्रिया करता हूं'

सीतारमण ने ट्वीट कर जताया आभार

वहीं, नई दिल्ली डेक्लेरेशन पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'मानव केंद्रित ग्लोबलाइजेशन और ग्लोबल साउथ के लिए हमारी चिंताओं से सहमति जताई गई है और उन्हें माना गया है। G20 के सभी सदस्यों को उनके सहयोग और समर्थन के लिए आभार है।

डेक्लेरेशन के बाद भारत की G20 प्रेसिडेंसी द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर तमाम चीजों पर जानकारी दी गई. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में विदेश मंत्री एस जयशंकर, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, G20 शेरपा अमिताभ कांत और अन्य लोग शामिल थे।

नई दिल्ली डेक्लेरेशन का मुख्य फोकस

विदेश मंत्री जयशंकर ने अफ्रीकी संघ के G20 में स्थायी सदस्य के तौर पर शामिल होने पर खुशी जताते हुए कहा कि डेक्लेरेशन में 'वन फ्यूचर एलायंस प्रस्ताव' का भी जिक्र है।

इसमें मजबूत, संतुलित, सस्टेनेबल और इंक्लूसिव ग्रोथ, SDGs (Sustainable Development Goals) पर प्रगति को तेज करने पर के अलावा सस्टेनेबल फ्यूचर के लिए ग्रीन डेवलपमेंट पैक्ट और बहुपक्षीयवाद को फिर से स्फूर्त करने पर जोर दिया गया।

ग्लोबल साउथ की आवाज को अहमियत- निर्मला सीतारमण

वहीं निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारत की प्रेसिडेंसी में वैश्विक मुद्दों के समाधान के लिए ग्लोबल साउथ की आवाज को भी अहमियत दी गई. उन्होंने कहा कि 'हमने ऐसे समाधान तैयार किए जो प्रत्येक G20 सदस्य के साथ मेल खाते हैं. इसमें सभी विकासशील देशों के लिए व्यापक रणनीतियां शामिल हैं.'

वित्त मंत्री की स्पीच की अहम बातें

  1. भारत ने ये सुनिश्चित करने के लिए काम किया है कि मतभेद चिंताओं पर भारी न पड़ें।

  2. बेहतर, बड़े, अधिक प्रभावी MDB के लिए समझौता हुआ।

  3. G20 इंडिपेंडेंट एक्सपर्ट ग्रुप की स्थापना, इसने अपना खंड 1 जमा कर दिया है।

  4. वर्ल्ड बैंक की की वित्तीय क्षमताओं को सामूहिक रूप से बढ़ावा देने के लिए समझौता।

क्रिप्टो को लेकर वैश्विक सहमति बन रही है. भारत प्रेसिडेंसी IMF का समर्थन करेगा, FSB क्रिप्टो के लिए एक रेगुलेटरी फ्रेमवर्क की रूपरेखा तैयार कर रहा है.

डेक्लेरेशन में यूक्रेन का भी जिक्र

G20 शेरपा अमिताभ कांत ने बताया कि डेक्लेरेशन में यूक्रेन का चार जगह जिक्र किया गया है। उन्होंने कहा कि 'G20 नेताओं ने दुनिया भर में भारी मानवीय पीड़ा और युद्धों और संघर्षों के प्रतिकूल प्रभाव के बारे में गहरी चिंता व्यक्त की। G20 नेताओं ने प्रासंगिक बुनियादी ढांचे पर सैन्य विनाश या अन्य हमलों को रोकने का आह्वान किया'

कुछ महत्वपूर्ण बिंदु

जी-20 शिखर सम्मेलन में इन 10 बिंदुओं पर चर्चा हुई और आम सहमति बनी

1. मजबूत, टिकाऊ, संतुलित और समावेशी विकास

2. एसडीजी पर प्रगति में तेजी लाना

3. सतत भविष्य के लिए हरित विकास समझौता

4. 21वीं सदी के लिए बहुपक्षीय संस्थान

5. तकनीकी परिवर्तन और डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचा

6. इंटरनेशनल टैक्सेशन

7. लैंगिक समानता और सभी महिलाओं और लड़कियों को सशक्त बनाना

8. वित्तीय क्षेत्र के मुद्दे

9. आतंकवाद और मनी लॉन्ड्रिंग का मुकाबला करना

10. अधिक समावेशी विश्व का निर्माण

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