पूर्व CJI और राज्यसभा सांसद रंजन गोगोई ने दिल्ली सर्विस बिल का किया समर्थन, कहा- इसे चुनौती नहीं दी जा सकती

Delhi Ordinance Bill: राज्यसभा में पहली बार किसी मुद्दे पर अपनी बात रखते हुए रंजन गोगोई ने कहा कि विधेयक को तीन कारणों से चुनौती दी जा सकती है।
पूर्व CJI और राज्यसभा सांसद रंजन गोगोई
पूर्व CJI और राज्यसभा सांसद रंजन गोगोई

नई दिल्ली, हि.स.। देश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने भी सोमवार को दिल्ली सर्विस बिल पर अपना मत सदन में रखा। उन्होंने कहा कि सदस्य अपनी पार्टी के अनुसार अपना मत रख रहे हैं लेकिन वे अपने मत से विधेयक का समर्थन कर रहे हैं। विधेयक संविधान सम्मत्त है और इसे किसी आधार पर चुनौती नहीं दी जा सकती।


मौलिक अधिकारों के खिलाफ

राज्यसभा में पहली बार किसी मुद्दे पर अपनी बात रखते हुए रंजन गोगोई ने कहा कि विधेयक को तीन कारणों से चुनौती दी जा सकती है। पहला यह मौलिक अधिकारों के खिलाफ हो, जो कि यह नहीं है। विधेयक संविधान के बुनियादी ढांचे के खिलाफ हो जो कि बेहद ही लम्बी बहस का विषय है। या फिर विधेयक संविधान के किसी अन्य प्रावधान का उल्लंघन करता हो जो कि यह नहीं करता है। उन्होंने कहा कि उनके अनुसार तीनों ही आधारों पर विधेयक में कोई कमी नहीं है और वे इसे सही मानते हैं और समर्थन करते हैं।

पी चिदंबरम ने विधेयक का विरोध किया

उन्होंने कहा कि दिल्ली में राज्य और केन्द्र की शक्तियों को पूरी तरह से वर्गीकृत नहीं किया गया है। संसद को बहुत से अधिकार दिए गए हैं। संसद किसी भी विषय पर उसके लिए कानून बना सकती है। साथ ही उन्होंने कहा कि शक्ति होना और उसके प्रयोग करने में भी अंतर है। रंजन गोगोई से पूर्व कांग्रेस नेता एवं वरिष्ठ अधिवक्ता पी चिदंबरम ने विधेयक का विरोध किया था। उन्होंने भी संविधान आधार और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आधार पर इसका विरोध किया था।

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