
नई दिल्ली, रफ्तार न्यूज डेस्क। आज हिंदुस्तान ने चांद पर अपना तिरंगा फहरा दिया है। भारत ने अपने मून मिशन चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग चंद्रमा के साउथ पोल पर करा दी है। इस सफल लैंडिंग के साथ भारत ने पूरी दुनिया में अपनी जीत का लोहा मनवा दिया है। मिशन चंद्रयान 3 विज्ञान के क्षेत्र में भारत की बढ़ती ताकत की एक नुमाइश है। यह सफलता हासिल करने वाला भारत दुनिया का चौथा देश बन चुका है। और खास यह है कि चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला भारत दुनिया का इकलौता देश बन गया है और आज इसरो के साढ़े 16 हजार वैज्ञानिकों एवं देश के 140 करोड़ लोगों की प्रार्थना ने कमाल कर दिया है। इसी के साथ चांद पर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन की यह बड़ी विजय के रूप में देखा जा रहा है।
आदित्य एल-1 मिशन भेजने की तैयारी
भारत ने चंद्रयान-3 के जरिए चांद पर सोफ्ट लैंडिंग कर सफलता पा ली है। अब इसरो चांद के बाद अब सूर्य की अनसुलझी गुत्थी को सुलाझाने के लिए के लिए मिशन की तैयारी कर रहा है। दरअसल, इसरो जल्द ही सूरज के बारे में जानने के लिए एक आदित्य एल-1 मिशन की शुरुआत कर रहा है।
जल्द सूरज पर भेजेगा भारत आदित्य L-1
मीडिया खबरों के अनुसार, कहा जा रहा है कि इसरो आने वाले कुछ समय में अंतरिक्ष में आदित्य L-1 नाम की ऑब्जर्वेटरी को भेजेगा। हालांकि, इसे लॉन्च कब किया जाएगा इसकी तारीख तो फिलहाल तय नहीं है। लेकिन, इस मिशन को सितंबर के पहले हफ्ते में लॉन्च किया जा सकता है। बता दें कि आदित्य L-1 स्पेसक्राफ्ट को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया जाना है।
सूर्य का अध्ययन करेगा भारत
इसरो का यह आदित्य एल-1 मिशन सूर्य के रहस्यों का अध्ययन करने वाला भारत का पहला मिशन होगा। ये स्पेसक्राफ्ट लॉन्च किए जाने के पूरे चार महीने बाद सूरज-पृथ्वी के सिस्टम में लैगरेंज पॉइंट-1 (L-1) तक पहुंचेगा, जो कि धरती से 15 लाख किलोमीटर दूरी पर है। बताया जाता है कि लैगरेंज प्वाइंट 1 (एल-1) के चारों तरफ एक हेलो ऑर्बिट में होने के कारण इस प्वाइंट पर सूरज के ग्रहण का असर नहीं पड़ता। जिससे वहां पर आसानी से शोध किया जा सकेगा।