नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। जेल में बंद क्रेमलिन आलोचक और रुस के राष्ट्रपति के खिलाफ विपक्ष में खड़े होने वाले नेता एलेक्सी नवलनी का शुक्रवार को रूस में एक 'विशेष शासन' दंड कॉलोनी में निधन हो गया। यह चौंकाने वाली खबर है चुनाव से ठीक 1 महीने से भी कम समय पहले इनकी मृत्यु हो गई। व्लादिमीर पुतिन अब देश की सत्ता को और 6 साल चलाएंगे। इस घटना ने राष्ट्रपति पुतिन को शक के घेरे में डाल दिया है। विपक्ष एक बार फिर उनकी आलोचना कर रहा है।
पहले भी जेल में बंद विपक्ष नेता को मारने की हो चुकी कोशिश
2020 में विपक्ष नेता नवलनी को जेल में बंद होने के बावजूद भी किसी ने उनके खाने में जहर डालकर उनको मारने की कोशिश की थी। इसका सीधा आरोप राष्ट्रपति पुतिन पर लगा था। जिसे उन्होंने खारिज किया था। इस घटना के बाद भारत ने रासायनिक हथियारों पर अपना 'स्पष्ट और सुसंगत' रुख दोहराया था क्योंकि अधिकारियों ने घटनाक्रम पर ध्यान दिया था। हालांकि, नई दिल्ली ने इस मामले पर मॉस्को से स्पष्टीकरण मांगने या व्लादिमीर पुतिन पर हमला करने से इनकार कर दिया। जो कि कई पश्चिमी देशों द्वारा अपनाए गए रुख से विपरीत था।
भारत ने क्या कहा?
रुस में भारतीय राजदूत वेणु राजामोनी ने कहा था कि "भारत कहीं भी किसी भी समय किसी के द्वारा किसी भी परिस्थिति में रासायनिक हथियारों के उपयोग का दृढ़ता से विरोध करता रहा है। इस संबंध में उपयोग और जांच के किसी भी आरोप के संबंध में हम आग्रह करते हैं कि कन्वेंशन में निर्धारित प्रावधानों और प्रक्रियाओं का ओपीसीडब्ल्यू द्वारा सख्ती से पालन किया जाए और सभी संबंधित पक्षों के बीच सहयोग के आधार पर चिंताओं का समाधान किया जाए।''
क्या हुआ था 2020 में नवलनी के साथ?
नवलनी को अगस्त 2020 में एक उड़ान के दौरान बेहोश होने के बाद साइबेरिया के अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बाद में उन्हें बर्लिन के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया। जांच के दौरान पता चला कि उन्हें नोविचोक नामक सोवियत-युग के तंत्रिका एजेंट से जहर दिया गया था। नवलनी ने जहर देने के लिए पुतिन को दोषी ठहराया था। जर्मनी में अपना इलाज कराने के बाद नवलनी वापस मॉस्को लौट आए लेकिन उन्हें तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद से उन्हें 3 बार जेल की सजा मिल चुकी है। अपने उपर लगे आरोपों को उन्होंने राजनीति से प्रेरित बताकर खारिज कर दिया।
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