
लंदन, रफ्तार डेस्क। प्रसिद्ध लेखक सलमान रुश्दी ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर खतरों के बारे में चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि हर किसी को अपनी बात का बचाव करने का अधिकार है। बुकर पुरस्कार विजेता लेखक सलमान रुश्दी ने भारत सहित दुनिया भर में बोलने की आज़ादी पर ख़तरे के बारे में चेतावनी दी है। लंदन में ब्रिटिश बुक अवार्ड्स में फ्रीडम ऑफ़ पब्लिकेशन अवार्ड स्वीकार करते हुए रुश्दी ने यह बात कही।
खुद के लिए लड़ना जरूरी
न्यूयॉर्क से सोमवार रात जारी एक वीडियो संदेश में भारतीय मूल के 75 वर्षीय लेखक रुश्दी ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए लड़ना महत्वपूर्ण है। 1980 के दशक में द सैटेनिक वर्सेज के प्रकाशित होने के बाद से रुश्दी एक फतवे के अनुसार जीते हैं। पिछले अगस्त में रुश्दी पर चाकू से हमला किया गया था।
अभिव्यक्ति की आजादी का सम्मान करें
रुश्दी ने उपरोक्त हमले के बाद अपने पहले सार्वजनिक भाषण में कहा कि हम ऐसे समय में रह रहे हैं जब अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और पश्चिमी देशों में प्रकाशन की स्वतंत्रता को मेरे जीवन में इससे अधिक खतरा कभी नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि जाहिर तौर पर दुनिया के कई हिस्सों, जैसे रूस, चीन और कुछ हद तक भारत में भी सेंसरशिप लंबे समय से है।
रुश्दी ने चिंता व्यक्त की
हालाँकि, पश्चिमी देशों में, हाल तक, प्रकाशन में कुछ हद तक स्वतंत्रता थी। यहां अमेरिका में बैठकर मैं पुस्तकालयों और स्कूलों में बच्चों की किताबों पर एक असाधारण हमला देखता हूं, पुस्तकालयों के विचार पर ही हमला करता हूं। यह बेहद चिंताजनक है और हमें इसके बारे में बहुत जागरूक होना चाहिए और इसका डटकर मुकाबला करना चाहिए।
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