
नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। Anna Bhagya Scheme: कर्नाटक में चावल की आपूर्ति को लेकर इस वक्त कांग्रेस और बीजेपी एक दूसरे पर हमलावर हैं। इसी बीच मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने केंद्र सरकार पर नफरत की राजनीति करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा केंद्र अन्य भाग्य योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवार के हर सदस्य को मिलने वाले 10 किलोग्राम चावल आपूर्ति की चुनावी गारंटी में बाधा डाल रही है। उन्होंने कहा कर्नाटक मुफ्त में चावल नहीं मांग रहा है, हम इसे खरीद रहे हैं। इस पर कर्नाटक भाजपा ने कहा सिद्धारमैया जानभूझ कर भ्रम फैला रहे हैं। बता दें कि केंद्र ने हाल में खुला बाजार बिक्री योजना OMSS (ओएमएसएस) के तहत केंद्रीय पूल से राज्य सरकारों को चावल और गेहूं की बिक्री बंद कर दी है।
गरीबों के खिलाफ है केंद्र सरकार
सीएम सिद्धारमैया ने कहा, ''भारतीय खाद्य निगम (FCI) ने राज्य को खाद्यान्न आपूर्ति करने पर सहमति जताई थी। हमें 13 जून को उपभोक्ता मंत्रालय ने एफसीआई को खाद्यान्न की आपूर्ति रोकने के लिए लेटर लिखा और 14 जून को एफसीआई ने हमें पत्र लिखा कि वे खाद्यान्न की आपूर्ति नहीं कर सकते, इसका मतलब क्या है? अगर स्टॉक नहीं है तो एफसीआई हमें खाद्यान्न देने के लिए क्यों राजी हुआ। उन्होंने मुझे व्यक्तिगत रूप से कहा है कि उनके पास 7 लाख मीट्रिक टन चावल उपलब्ध है। ये गरीबों के खिलाफ है''
चावल खरीदने में सक्षम है कर्नाटक सरकार
वहीं, इस मुद्दे पर कर्नाटक सरकार के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने बताया कि पंजाब, छत्तीसगढ़ और अन्य पड़ोसी राज्यों से अनाज खरीदने के लिए हमने बात की है। मैं केंद्र सरकार से अनुरोध करता हूं कि गरीबों के पेट पर राजनीति ना करें। आप अपना चावल नहीं दे रहे हैं यह किसानों का चावल है। हमें किसी से मुफ्त चावल नहीं चाहिए। कर्नाटक सरकार खरीदने में सक्षम है।
क्या है अन्न भाग्य योजना?
अन्न भाग्य योजना में गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन करने वाले परिवारों के प्रत्येक सदस्य को 10 किलोग्राम चावल देने की बात कही गई है।