कैनबरा, हि.स.। भारत और ऑस्ट्रेलिया रक्षा उपकरणों के विकास व उत्पादन में साझेदारी और मजबूत करेंगे। ऑस्ट्रेलिया के कैनबरा में हुई आठवीं भारत-ऑस्ट्रेलिया रक्षा नीति वार्ता में एक दूसरे की क्षमताओं व योग्यताओं का आंकलन कर उनका परस्पर लाभ उठाने पर जोर दिया गया।
भारत और ऑस्ट्रेलिया रक्षा संबंधों को और मजबूत करेंगे
भारत के रक्षा मंत्रालय में विशेष सचिव निवेदिता शुक्ला वर्मा और ऑस्ट्रेलिया के रक्षा विभाग में कार्यवाहक उप-सचिव स्टीवन मूर के नेतृत्व में हुई इस वार्ता के दौरान दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय रक्षा सहयोग की समीक्षा की गई और द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को और मजबूत तथा प्रगाढ़ बनाने के लिए नई पहलों की संभावनाओं पता लगाया गया। चर्चा के दौरान विचार-विमर्श रक्षा उपकरणों के सह-विकास और सह-उत्पादन में साझेदारी मजबूत बनाने के तरीकों की पहचान करने पर भी केंद्रित रहा।
दोनों पक्षों ने परस्पर विश्वास और समझ की बात की
दोनों पक्षों ने परस्पर विश्वास और समझ, समान हितों तथा लोकतंत्र और कानून के शासन के साझा मूल्यों के आधार पर व्यापक रणनीतिक साझेदारी को पूरी तरह से लागू करने की प्रतिबद्धता की पुन:पुष्टि की। भारतीय पक्ष ने ऑस्ट्रेलियाई सशस्त्र बलों की जहाज निर्माण और रख-रखाव संबंधी योजनाओं में भारतीय रक्षा उद्योग की सहयोग की क्षमता और योग्यता को रेखांकित किया।
वैश्विक मुद्दों पर हुआ विचार मंथन
भारत और ऑस्ट्रेलिया की व्यापक रणनीतिक साझेदारी का प्रमुख स्तंभ रक्षा क्षेत्र है। भारत और ऑस्ट्रेलिया की साझेदारी स्वतंत्र, मुक्त, समावेशी और समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र के साझा विज़न पर आधारित है। पूरे क्षेत्र की शांति और समृद्धि में दोनों लोकतंत्रों का साझा हित है। इस वार्ता में दोनों पक्षों ने हाइड्रोग्राफी समझौते को शीघ्र अंतिम रूप देने पर सहमति प्रकट की। दोनों पक्षों ने भू-राजनीतिक स्थिति, साझा हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों के बारे में भी विचार मंथन किया।