भारत में जिस प्रकार से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता मिली हुई है, उसी तरह की बोलने की आजादी पाकिस्तान में भी होती तो संभवत: आज पूरे पाकिस्तान में ही विरोधी स्वर सुनाई दे रहे होते।