Russia Ukraine War: रूस-यूक्रेन संघर्ष पर भारत पुराने रुख पर कायम, कहा- कूटनीतिक समाधान तलाशा जाए

Russia Ukraine War: आज साप्ताहिक पत्रकार वार्ता में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि यूक्रेन संघर्ष के संबंध में भारत की नीति स्पष्ट है।
Ministry of External Affairs GOI
Ministry of External Affairs GOIRaftaar

नई दिल्ली, (हि.स.)। फ्रांस के राष्ट्रपति एमैन्युल मैक्रों की ओर से यूक्रेन में पश्चिमी देशों की सेना भेजने की पेशकश पर विदेश मंत्रालय ने कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की। मैक्रां ने हाल में युद्ध के मोर्चे पर यूक्रेन की कमजोरी के मद्देनजर पश्चिमी देशों की सेना भेजने की संभावना व्यक्त की थी।

यूक्रेन संघर्ष के संबंध में भारत की नीति स्पष्ट

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने गुरुवार को साप्ताहिक पत्रकार वार्ता में कहा कि यूक्रेन संघर्ष के संबंध में भारत की नीति स्पष्ट है। हमने उच्च स्तरीय और विभिन्न स्तरों पर यह इच्छा व्यक्त की है कि इस मसले को बातचीत और कूटनीति से सुलझाया जाना चाहिए। दोनों पक्षों को आपस में बातचीत करनी चाहिए। एक अन्य प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि रूस में करीब 20 भारतीय काम करने गए थे तथा उन्होंने वहां से वापस आने के लिए भारतीय दूतावास से संपर्क किया था। विदेश मंत्रालय ने रूसी सेना के सहयोगी कार्यों में लगे इन भारतीयों को स्वदेश लाने के लिए नई दिल्ली स्थित रूसी दूतावास और मास्को में अधिकारियों से संपर्क किया है।

मालदीव के संबंध प्रवक्ता दिया यह जवाब

मालदीव के संबंध में पूछे गए सवाल पर प्रवक्ता ने कहा कि हेलीकॉप्टर सुविधा में काम करने के लिए भारत से एक तकनीकी दल वहां पहुंच गया है। यह दल मौजूदा कर्मियों का स्थान लेगा। इसके साथ कतर में पूर्व भारतीय नौसेनिकों से जुड़े प्रश्न पर उन्होंने कहा कि सात भारतीय लौट आए हैं और एक आवश्यक औपचारिकता पूरी करने बाद वापस आएगा।

सरकारी स्तर पर कोई भारतीय वहां नहीं गया- विदेश मंत्रालय

हरियाणा में अंबाला पुलिस की ओर से आंदोलनकारी किसानों के पासपोर्ट रद्द किए जाने की चेतावनी संबंधी रिपोर्ट पर प्रवक्ता ने कहा कि पासपोर्ट के बारे में एक निश्चित विधिविधान है और उसी के अनुरूप काम किया जाता है। इसके साथ विदेश मंत्रालय के प्रवाक्ता से ब्रिटेन की नागरिक निताशा कौल को भारत में प्रवेश न दिए जाने के संबंध में हुए सवाल पर कहा कि सरकार यह तय करती है कि ऐसे मामले में क्या किया जाए?

इजराइल में भारतीयों को भेजे जाने के प्रश्न के उत्तर में प्रवक्ता ने कहा कि सरकारी स्तर पर कोई भारतीय वहां नहीं गया है। व्यक्तिगत स्तर पर लोग वहां जाने के लिए स्वतंत्र हैं। संघर्ष के इस दौर में भी हजारों भारतीय सहायक सेवा कार्यों में लगे हुए हैं।

अन्य खबरों के लिए क्लिक करें:- www.raftaar.in

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in