Pakistan: चुनाव से पहले इमरान खान को मिली बड़ी राहत, पेशावर हाईकोर्ट ने कहा- PTI का चुनाव चिह्न वापस करे EC

Peshawar: पाकिस्तान में आम चुनाव से पहले पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ को बड़ी जीत मिली है।
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पेशावर, हि. स.। पाकिस्तान में आम चुनाव से पहले पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ को बड़ी जीत मिली है। पेशावर हाई कोर्ट ने चुनाव आयोग के आदेश को निलंबित करते हुए पीटीआई को उसका अपना चुनाव चिन्ह 'बल्ला' बहाल कर दिया है। पाकिस्तान में 16वीं नेशनल असेंबली के लिए 8 फरवरी 2024 को आम चुनाव होने हैं।

कोर्ट ने अपने आदेश में क्या कहा?

चुनाव आयोग ने इससे पहले पार्टी के आंतरिक चुनावों में बल्ला निशान को अवैध करार दे दिया था। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि याचिका पर अंतिम फैसले में पार्टी का चुनाव चिह्न बहाल किया जाएगा। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि सर्दियों की छुट्टियों के बाद डबल बेंच इस मामले की सुनवाई करेगी।

इमरान खान की पार्टी पीटीआई ने जताई खुशी

पेशावर हाई कोर्ट के जज जस्टिस कामरान हयात मियांखेल ने टिप्पणी करते हुए कहा कि चुनाव आयोग को पीटीआई को चुनाव चिन्ह देना होगा क्योंकि चुनावी तारीख जारी होने के बाद इसे रद्द नहीं किया जा सकता है।
हाई कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए इमरान खान की पार्टी पीटीआई ने एक्स पर लिखा, "बल्ला मारो, आजादी को गले लगाओ!" इसके अलावा पार्टी ने लिखा है कि बल्ला लौट चुका है।

कोर्ट का फैसला

रिपोर्ट के मुताबिक, पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी ने मुख्य चुनाव आयुक्त सिकंदर सुल्तान राजा की अध्यक्षता वाली 5 सदस्यीय चुनाव आयोग पीठ द्वारा पीटीआई के अंदर होने वाले चुनावों को गैरकानूनी घोषित करने और पार्टी से उसका चुनाव चिह्न छीनने के बाद याचिका दायर की थी। पार्टी ने चुनाव आयोग और चुनाव को चुनौती देने वालों को नामित करते हुए कोर्ट से मामले की तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया था। इसको देखते हुए कोर्ट ने मंगलवार को याचिका पर सुनवाई की।

पीटीआई के वकील अली जफर ने दी सफाई

सुनवाई की शुरुआत में, पीटीआई के वकील अली जफर ने कहा कि पार्टी को चुनाव कराने के लिए 20 दिन का समय दिया गया था। पार्टी ने 3 दिसंबर को पेशावर में पार्टी के आंतरिक चुनाव कराए। चुनाव आयोग ने पार्टी के आंतरिक चुनावों की सत्यता को स्वीकार करते हुए पार्टी को एक प्रमाण पत्र जारी किया। वकील ने कहा कि इसके बाद आयोग ने यह कहते हुए चुनाव चिह्न वापस ले लिया कि जिसने चुनाव करवाया वह सही व्यक्ति नहीं था।

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