Toshakhana Case: इमरान खान दोषी करार होने के बाद हुए गिरफ्तार, मिली तीन साल की सजा, चुनाव लड़ने पर रोक

Imran Khan Arrested: पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को तोशाखाना मामले में दोषी ठहराए जाने के तुरंत बाद लाहौर के उनके आवास से गिरफ्तार कर लिया गया है।
Imran Khan
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इस्लामाबाद/नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष और मुल्क के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को शनिवार को तोशाखाना मामले में दोषी ठहराए जाने के तुरंत बाद लाहौर के जमान पार्क स्थित उनके आवास से गिरफ्तार कर लिया गया। इस बीच पीटीआई प्रमुख की कानूनी टीम ने इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

जिला एवं सत्र अदालत ने इमरान खान ठहराया दोषी

स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार आज बड़े घटनाक्रम में संघीय राजधानी की एक जिला एवं सत्र अदालत ने इमरान खान को सरकारी उपहार डिपॉजिटरी से संबंधित भ्रष्ट गतिविधियों के लिए दोषी ठहराया। क्रिकेटर से नेता बने 70 वर्षीय इमरान पर आरोप है कि उन्होंने प्रधानमंत्री की हैसियत से की गई विदेश यात्राओं के दौरान मिले उपहारों को खरीदने और बेचने पर पद का दुरुपयोग किया। इनकी कीमत 14 करोड़ पाकिस्तानी रुपये (635,000 डॉलर) से अधिक थी।

इमरान खान को तीन साल कैद की सजा

इस मामले की स्वीकार्यता की मांग करने वाली इमरान खान की याचिका को खारिज करते हुए अतिरिक्त एवं सत्र न्यायाधीश हुमायूं दिलावर ने पूर्व प्रधानमंत्री को तीन साल कैद की सजा सुनाई। उन्होंने फैसले में कहा- ''पीटीआई अध्यक्ष के खिलाफ संपत्तियों की गलत घोषणा के आरोप साबित हुए हैं।'' इसके बाद उन्होंने खान को तीन साल की जेल की सजा सुनाई और 100,000 रुपये का जुर्माना लगाया। साथ ही उनकी तत्काल गिरफ्तारी का वारंट जारी किया। कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि दोषसिद्धि से खान के आगामी आम चुनाव में भाग लेने की संभावना समाप्त हो सकती है।

हुमायूं दिलावर दिया सुनवाई जारी रखने का निर्देश

पूर्व प्रधानमंत्री ने तोशाखाना मामले को सुप्रीम कोर्ट और इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) सहित कई मंचों पर चुनौती दी थी। उच्च न्यायालय से याचिका खारिज किए जाने के बाद निचली अदालत ने उन्हें तोशाखाना मामले में सुनवाई के लिए आज (शनिवार को) निजी तौर पर तलब किया था। इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को मामले को किसी अन्य अदालत में स्थानांतरित करने के खान के अनुरोध को भी ठुकरा दिया था और अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हुमायूं दिलावर को मामले की सुनवाई जारी रखने का निर्देश दिया।

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