लेखक सलमान रुश्दी के हमलावर का ईरान ने किया सम्मान

न्यूयॉर्क में एक साहित्य कार्यक्रम के मंच पर न्यू जर्सी के 24 साल के अमेरिकी शिया मुस्लिम ने उन पर हमला कर दिया था। इस हमले के बाद सलमान रुश्दी लंबे समय तक अस्पताल में भर्ती रहे।
लेखक सलमान रुश्दी के हमलावर का ईरान ने किया सम्मान

वॉशिंगटन, एजेंसी। अमेरिका में पिछले साल उपन्यासकार सलमान रुश्दी पर हमला करने वाले हमलावर का ईरान के एक फाउंडेशन ने सम्मानित किया है। ज्ञात रहे कि इस हमले में रुश्दी ने अपनी एक आंख खो दी थी। ईरानी फाउंडेशन ने सलमान पर हमला करने वाले व्यक्ति की प्रशंसा की है। सरकारी टेलीविजन ने इसके बारे में मंगलवार को बताया है। फाउंडेशन ने कहा है कि वह रुश्दी के हमलावर को 1000 मीटर कृषि भूमि को पुरस्कार में देगा।

युवा अमेरिकी की बहादुरी का शुक्रिया अदा करते हैं

न्यूयॉर्क में एक साहित्य कार्यक्रम के मंच पर न्यू जर्सी के 24 साल के अमेरिकी शिया मुस्लिम ने उन पर हमला कर दिया था। इस हमले के बाद सलमान रुश्दी लंबे समय तक अस्पताल में भर्ती रहे। इमाम खुमैनी के फतवों को लागू करने वाले फाउंडेशन के सचिव मोहम्मद इस्माइल जरेई ने कहा कि हम ईमानदारी से उस युवा अमेरिकी की बहादुरी का शुक्रिया अदा करते हैं, जिसने रुश्दी की आंखों में से एक को अंधा कर दिया और एक हाथ को निष्क्रिय कर दिया।

हमले के बाद 75 वर्षीय रुश्दी एक आंख और एक हाथ गंवा चुके हैं

बता दें कि पश्चिमी न्यूयॉर्क में आयोजित साहित्यिक कार्यक्रम के मंच पर हुए हमले के बाद 75 वर्षीय रुश्दी एक आंख और एक हाथ गंवा चुके हैं। इस मामले में न्यूजर्सी के शिया मुस्लिम अमेरिकी हादी मातर को हिरासत में लिया गया है। पुलिस जांच में पाया गया है कि हमलावर शिया कट्टरपंथ और ईरान की इस्लामिक रिवोल्युशनरी गार्ड्स कॉर्प्स से प्रभावित था। रुश्दी कार्यक्रम में कलात्मक स्वतंत्रता पर व्याख्यान देने वाले थे।

"द सैटेनिक वर्सेज"

मालूम हों कि 33 वर्ष पहले "द सैटेनिक वर्सेज" उपन्यास लिखने के बाद भारतीय मूल के लेखक के खिलाफ शिया बहुल ईरान के दिवंगत सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खुमैनी द्वारा उनकी हत्या के लिए फतवा जारी किया गया था। रुश्दी के 'द सैटेनिक वर्सेज' उपन्यास को मुसलमानों की धार्मिक भावनाएं भड़काने वाला माना गया था। भारत में कश्मीरी मुस्लिम परिवार में जन्मे रुश्दी ने फतवे के बाद ब्रिटिश पुलिस सुरक्षा में अपने जीवन के नौ वर्ष छिपकर बिताएं थे।


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