पीएम मोदी का विपक्ष पर हमला, कहा- देश में आज राष्ट्रहित में फैसला लेने वाली सरकार

पीएम मोदी ने कांग्रेस के ‘इकोसिस्टम’ पर तंज कसते हुए कहा कि 2004-14 घोटालों और हिंसा का दशक था। इस दौरान भारत की आवाज को इतना कमजोर कर दिया गया था।अब देश में राजनीतिक स्थिरता और एक निर्णायक सरकार है।
Narendra Modi
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नई दिल्ली, एजेंसी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कांग्रेस के ‘इकोसिस्टम’ पर तंज कसते हुए कहा कि 2004-14 घोटालों और हिंसा का दशक था। इस दौरान भारत की आवाज को इतना कमजोर कर दिया गया था कि दुनिया ने हमारी आवाज सुनने तक की जहमत नहीं उठाई। अब देश में राजनीतिक स्थिरता और एक निर्णायक सरकार है।

पीएम मोदी याद दिलाया यूपीए सरकार की नाकामी

प्रधानमंत्री ने लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के जवाब में कि आज यूपीए की पहचान हर मौके को मुसीबत में पलटने वाली बनी हुई है। जब टेक और इन्फॉरमेशन का युग तेजी से बढ़ रहा था तो ये 2-जी में फंसे रहे। सिविल न्यूक्लीयर डील की चर्चा थी तो ये ‘वोट फॉर केश’ में फंसे रहे। 2010 में राष्ट्रमंडल खेल हुए। सीडब्ल्यूजी घोटाले में पूरा देश बदनाम हो गया।

यूपीए शासन के दौरान, केवल जम्मू-कश्मीर से उत्तर पूर्व तक हिंसा फैल गई

उन्होंने कहा कि यूपीए शासन के दौरान, केवल जम्मू-कश्मीर से उत्तर पूर्व तक हिंसा फैल गई। 2004-14 के दौरान भारत की आवाज को इतना कमजोर कर दिया गया था कि दुनिया ने हमारी आवाज सुनने तक की जहमत नहीं उठाई। प्रधानमंत्री ने कहा कि हार्वर्ड में ‘द राइज एंड डिक्लाइन इंडियाज कांग्रेस पार्टी’ नामक एक अध्ययन किया गया। भविष्य में कांग्रेस के पतन पर कई बड़े विश्वविद्यालयों में अध्ययन किया जाएगा।

पीएम मोदी ने किया राहुल गांधी पर पलटवार

राहुल गांधी का नाम लिये बिना प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “कुछ लोगों के भाषण के बाद पूरा ईकोसिस्टम, समर्थक…उछल रहे थे। और खुश होकर कहने लगे,ये हुई न बात! शायद नींद भी अच्छी आई होगी, शायद आज उठ भी नहीं पाए होंगे। ऐसे लोगों के लिए कहा गया है…अच्छे ढंग से कहा गया है…ये कह-कह कर हम दिल को बहला रहे हैं,वो अब चल चुके हैं,वो अब आ रहे हैं…।”

आज भारत दुनिया की समस्याओं का समाधान का माध्य़म बना

विपक्ष द्वारा राष्ट्रपति के अभिभाषण की आलोचना नहीं किये जाने पर खुशी जाहिर करते हुए मोदी ने कहा, “जब राष्ट्रपति जी के भाषण पर चर्चा मैं सुन रहा था, तो मुझे लगा कि बहुत सी बातों को मौन रहकर स्वीकार किया गया है। यानी, राष्ट्रपति जी के भाषण के प्रति किसी को ऐतराज नहीं है। राष्ट्रपति जी ने अपने भाषण में कहा था, जो भारत अपनी अधिकांश समस्याओं के लिए दूसरों पर निर्भर था, वो आज दुनिया की समस्याओं के समाधान का माध्यम बन रहा है।”

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