
देहरादून, हि.स.। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तरकाशी के सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों की सकुशल वापसी को लेकर चिंतित हैं। प्रधानमंत्री आज सुबह चौथी बार मुख्यमंत्री को फोन कर वहां चल रहे राहत और बचाव कार्यों की जानकारी ली। प्रधानमंत्री ने कहा कि सुरंग में फंसे श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोशल मीडिया पर किया पोस्ट
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट के माध्यम से प्रधानमंत्री से बातचीत की जानकारी दी। मुख्यमंत्री के मुताबिक प्रधानमंत्री आज पुनः फोन कर सिलक्यारा, उत्तरकाशी में निर्माणाधीन सुरंग में फंसे श्रमिकों के राहत और बचाव कार्यों की जानकारी ली।
श्रमिकों तक भोजन पहुंचाया गया
इस दौरान मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को बताया कि 6 इंच व्यास की पाइप लाइन के सफलता पूर्वक मलबे के आरपार किया गया। इसके माध्यम से भोजन और अन्य आवश्यक सामान श्रमिकों तक पहुंचाए जाने की जानकारी दी। श्रमिकों से एंडोस्कोपिक फ़्लेक्सी कैमरे की मदद से हुई बातचीत की भी जानकारी भी दी।
सिलक्यारा टनल रेस्क्यू अभियान
वहीं, सुरंग के भीतर और ऊपर से रास्ता (ड्रिफ्ट) बनाना रेस्क्यू के लिए सबसे कारगर तरीके हैं। कोंकण रेलवे कॉरपोरेशन, नवी मुंबई के सेवानिवृत अधिशासी निदेशक, परियोजना और टनलिंग इंजीनियर विनोद कुमार सिलक्यारा टनल रेस्क्यू अभियान पर लगातार नजर बनाए हैं। उन्होंने बताया कि उनको सुरंग की खोदाई और रेस्क्यू अभियान का करीब 51 साल का अनुभव है।
बताया कि वर्ष 1996 में गोवा में इसी तरह ही 14 मजदूर रेल सुरंग के ढहने के बाद भीतर फंस गए थे। तब वह परियोजना के चीफ इंजीनियर टनल रहे। उन्होंने सुरंग से मलबा नहीं निकालने दिया। सुरंग से रास्ता बनाने के बाद 13 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। वहीं, एक मजदूर की मलबा गिरने से मौत हो गई थी।
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