डीयू कॉलेजों में ओबीसी कोटे के पदों को भरे जाने की मांग को लेकर शिक्षकों और शोधार्थियों ने की भूख हड़ताल
डीयू कॉलेजों में ओबीसी कोटे के पदों को भरे जाने की मांग को लेकर शिक्षकों और शोधार्थियों ने की भूख हड़ताल

डीयू कॉलेजों में ओबीसी कोटे के पदों को भरे जाने की मांग को लेकर शिक्षकों और शोधार्थियों ने की भूख हड़ताल

नई दिल्ली 12 जून (हि.स.)। फोरम ऑफ एकेडेमिक्स फ़ॉर सोशल जस्टिस के तत्वावधान में ओबीसी कोटे की सेकेंड ट्रांच (दूसरी क़िस्त) के पदों को डीयू कॉलेजों द्वारा न भरे जाने के विरोध में शिक्षकों और शोधार्थियों ने एक दिन की भूख हड़ताल की। शुक्रवार सुबह 10 बजे से 4 बजे तक अपने-अपने घरों में रहकर एक दिन की भूख हड़ताल कर रहे शिक्षकों व शोधार्थियों को दिल्ली विश्वविद्यालय, जेएनयू, जामिया मिल्लिया इस्लामिया, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (हरियाणा), बिहार, लखनऊ, मेरठ, हापुड़, गाजियाबाद के विभिन्न कॉलेजों के 100 से अधिक शिक्षकों का समर्थन मिला। भूख हड़ताल का नेतृत्व फोरम के महासचिव तथा आर्यभट्ट कॉलेज(डीयू) के प्रोफेसर डॉ. कैलास प्रकाश सिंह यादव ने किया। मंच संचालन अरबिंदो कॉलेज के प्रोफेसर हंसराज 'सुमन' ने किया और आर्यभट्ट कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ.विनय कुमार ने भूख हड़ताल में शामिल हुए शिक्षकों का धन्यवाद किया। फोरम के चेयरमैन प्रोफेसर हंसराज 'सुमन' और महासचिव प्रोफ़ेसर कैलास प्रकाश सिंह यादव ने सेकेंड ट्रांच के पदों को भरवाने की मांग को लेकर एक मांग पत्र ई-मेल और वाट्सऐप के माध्यम से केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री, एस.सी, एस.टी कल्याणार्थ संसदीय समिति, ओबीसी संसदीय समिति, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति, जनजाति आयोग, राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग, यूजीसी के चेयरमैन, डीयू के वाइस चांसलर को भेजा है, जिसमें मांग की गई है कि नए शैक्षिक सत्र के प्रारम्भ होने से पूर्व इन पदों पर नियुक्ति करने का सर्कुलर जारी करने के निर्देश दिए जाएं। प्रोफ़ेसर हंसराज 'सुमन' ने बताया कि विश्वविद्यालयों/ शिक्षण संस्थानों/ कॉलेजों में ओबीसी उम्मीदवारों के लिए 27 फीसदी आरक्षण शिक्षक नियुक्तियों में वर्ष-2007 में लागू किया गया था। शिक्षण पदों को आनुपातिक रूप से बढ़ाने के लिए कांग्रेस सरकार ने पहली किस्त जारी की थी। पहली किस्त के आधार पर डीयू के विभागों और कॉलेजों में एडहॉक टीचर्स की नियुक्तियां हुईं। वर्ष-2014-15 में कुछ विभागों एवं कॉलेजों में ओबीसी शिक्षकों की स्थायी नियुक्ति हुई। इसके बाद वर्तमान वाइस चांसलर ने 2018--19 में कुछ विभागों में स्थायी नियुक्ति की उसके बाद नियुक्तियों की प्रक्रिया अवरुद्ध हो गई। अभी तक 10 फीसदी भी ओबीसी कोटे के अंतर्गत पदों को नहीं भरा गया है। जबकि सरकार द्वारा दी गई कॉलेजों को अनुदान राशि से कॉलेजों ने पुस्तकालय, प्रयोगशाला, कमरों का विस्तार, कॉलेज प्रशासन का विस्तार कर लिया। ओबीसी कोटे के दो बार इन पदों के विज्ञापन भी निकाले गए लेकिन ओबीसी कोटे के इन पदों को आज तक नहीं भरा। हिन्दुस्थान समाचार/राजेश-hindusthansamachar.in

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