जम्मू-कश्मीर में हाई स्पीड मोबाइल इंटरनेट सेवा शुरू करने के लिए एनएचआरसी में याचिका दायर
जम्मू-कश्मीर में हाई स्पीड मोबाइल इंटरनेट सेवा शुरू करने के लिए एनएचआरसी में याचिका दायर

जम्मू-कश्मीर में हाई स्पीड मोबाइल इंटरनेट सेवा शुरू करने के लिए एनएचआरसी में याचिका दायर

जम्मू-कश्मीर में हाई स्पीड मोबाइल इंटरनेट सेवा शुरू करने के लिए एनएचआरसी में याचिका दायर जम्मू, 30 मार्च (हि.स.)। जम्मू-कश्मीर में हाई स्पीड मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को बहाल करने की मांग करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता और साईं नाथ विश्वविद्यालय के पूर्व वाईस चांसलर डॉ. शहज़ाद अहमद मलिक ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के समक्ष एक याचिका दायर की है। सोमवार को यहां जारी एक बयान में उन्होंने इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस याचिका में उन्होंने केंद्रीय गृह सचिव, जेएंडके केंद्र शासित प्रदेश के प्रमुख गृह सचिव और बीएसएनएल के जेके सर्कल के मुख्य महाप्रबंधक को एक पक्ष बनाया है। एनएचआरसी के समक्ष अपने प्रस्तुतिकरण में उन्होंने जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश में हाई स्पीड मोबाइल इंटरनेट सुविधा की बहाली के लिए पहले दो पक्षकारों के लिए दिशा-निर्देश मांगा है और साथ ही एनएचआरसी से सरकारी स्वामित्व वाली दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल को लोगों को नई लैंडलाइन इंटरनेट सुविधा देने की अपनी नीति को सार्वजनिक करने का निर्देश देने का आग्रह किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि बीएसएनएल में कनेक्शन देने में पारदर्शिता का अभाव है और प्रभावशाली लोगों को ही बीएसएनएल द्वारा कनेक्शन प्रदान किया जाता है जबकि आम लोगों को महीनों तक इंतजार करने के लिए विवश होना पड़ता है। डॉ. शहजाद ने अपनी दलील के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि कोरोना वायरस की महामारी के मद्देनजर प्रधानमंत्री द्वारा घोषित 21 दिनों के लॉकडाउन के कारण जम्मू-कश्मीर सहित पूरे भारत के लोग जारी किए गए सभी दिशानिर्देशों का पालन कर रहे हैं। सरकार ने खुद को और मानव जाति को बचाने के लिए और सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए निर्देश दिए हैं जिनका लोग पालन कर रहे हैं। लेकिन देश के अन्य हिस्सों में और जम्मू-कश्मीर में स्थिति अलग है क्योंकि भारत के अन्य राज्यों में छात्र, शिक्षक, चिकित्सा पेशेवर, उच्च गति इंटरनेट का लाभ लेने वाले धार्मिक प्रचारकों ने ई-कक्षाएं शुरू की हैं और ऑनलाइन सामाजिक समूहों का गठन किया है और एक-दूसरे के साथ उपयोगी जानकारी का प्रसार कर रहे रहे हैं। लेकिन जम्मू-कश्मीर केन्द्र शासित प्रदेश में उच्च गति की इंटरनेट सुविधा के अभाव में चिकित्सा पेशेवर सबसे ज्यादा प्रभावित हैं क्योंकि वे भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय और विश्व स्वास्थ्य संगठन की वेबसाइट और एप्लिकेशन (एप्लिकेशन) तक भी नहीं पहुंच पा रहे हैं। उन्होंने कहा है कि यहां पर चरणबद्ध तरीके से हाई स्पीड मोबाइल इंटरनेट को बहाल किया जा सकता है। हिन्दुस्थान समाचार/अमरीक/बलवान-hindusthansamachar.in

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