लोकतंत्र का नया मंदिर 21वीं सदी की अपेक्षाओं-आकांक्षाओं को प्रतिबिंबित करेगा : नायडू
लोकतंत्र का नया मंदिर 21वीं सदी की अपेक्षाओं-आकांक्षाओं को प्रतिबिंबित करेगा : नायडू

लोकतंत्र का नया मंदिर 21वीं सदी की अपेक्षाओं-आकांक्षाओं को प्रतिबिंबित करेगा : नायडू

-उपराष्ट्रपति ने संसद के नये भवन के शिलान्यास पर दी शुभकामनाएं नई दिल्ली, 10 दिसम्बर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा गुरुवार को संसद के नए भवन का शिलान्यास किए जाने को उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने संसदीय लोकतंत्र के इतिहास का यादगार दिन बताया है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र का यह नया मंदिर हमारे सनातन संस्कारों और 21वीं सदी की हमारी अपेक्षाओं, आकांक्षाओं को प्रतिबिंबित करेगा। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का अभिनन्दन भी किया। उपराष्ट्रपति ने शिलान्यास कार्यक्रम के बाद वीडियो संदेश जारी करते हुए कहा कि ‘आज भारत के संसदीय लोकतंत्र के इतिहास में यादगार दिन है, जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा स्वतंत्र भारत के नए संसद भवन की नींव रखी जा रही है। लोकतंत्र का यह नया मंदिर हमारे सनातन संस्कारों और 21वीं सदी की हमारी अपेक्षाओं, आकांक्षाओं को प्रतिबिंबित करेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का हार्दिक अभिनन्दन करता हूं।’ वेंकैया नायडू ने कहा, ‘मुझे विश्वास है कि नया संसद भवन हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों को और भी दृढ़ करेगा। सभ्य, शिष्ट संवाद के माध्यम से सहमति बनाने की हमारी प्राचीन परंपरा को और समृद्ध करेगा और जन कल्याणकारी विमर्श के लिए उपयुक्त मंच प्रदान करेगा। उपराष्ट्रपति ने इस ऐतिहासिक अवसर पर सभी संसद सदस्यों और देशवासियों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के नए मन्दिर का निर्माण सुचारु रूप से सफलतापूर्वक सम्पन्न हो, इसके लिए मेरी हार्दिक शुभकामनाएं। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को संसद के नए भवन का शिलान्यास किया। पारंपरिक विधि विधान से भूमि पूजन किया गया। भव्य इमारत के पूजन के समय मंत्रोच्चार से पूरा वातावरण गूंजायमान रहा। इस अवसर पर सर्वधर्म प्रार्थना की गई, जिसमें सिख, जैन, बौद्ध और इस्लाम के धर्मगुरु शामिल रहे। हिन्दुस्थान समाचार/आकाश/रामानुज-hindusthansamachar.in

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