राजस्थान: बीटीपी ने गहलोत सरकार से समर्थन वापस लिया
राजस्थान: बीटीपी ने गहलोत सरकार से समर्थन वापस लिया

राजस्थान: बीटीपी ने गहलोत सरकार से समर्थन वापस लिया

जयपुर, 11 दिसम्बर (हि.स.)। भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेशभाई सी. बसावा ने शुक्रवार को गहलोत सरकार से समर्थन वापसी का ऐलान कर दिया। उन्होंने पार्टी के दोनों विधायकों को पत्र लिखकर राजस्थान में 15वीं विधानसभा में फ्लोर टेस्ट होने की स्थिति में तटस्थ की भूमिका अदा करने के लिए निर्देशित किया। उल्लेखनीय है कि डूंगरपुर में जिला प्रमुख के चुनाव में सबसे ज्यादा जीतने वाली बीटीपी के प्रत्याशी के कांग्रेस-भाजपा के सदस्यों की ओर से गठबंधन कर हराने के बाद गहलोत सरकार व बीटीपी के रिश्तों में तल्खी आ गई थी। शुक्रवार दोपहर बीटीपी के विधायकों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कांग्रेस व अपने रास्ते अलग होने का ऐलान कर दिया। इसी दौरान पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेशभाई सी. बसावा ने गहलोत सरकार से गठबंधन तोड़ने की भी घोषणा कर दी है। उन्होंने पार्टी के दोनों विधायकों को पत्र लिखकर राजस्थान में 15वीं विधानसभा के किसी भी सियासी संकट में फ्लोर टेस्ट के दौरान तटस्थ रहने के निर्देश दिए हैं। बसावा ने पत्र में लिखा है कि विधानसभा में दोनों विधायक न तो कांग्रेस और न ही भाजपा को वोट देंगे। न ही अशोक गहलोत के पक्ष में रहेंगे और न ही सचिन पायलट के पक्ष में। उन्होंने दोनों विधायकों को पार्टी व्हिप से इतर जाने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी है। बीटीपी के एक अन्य नेता छोटू भाई वसावा ने लगातार ट्वीट कर राजस्थान में भाजपा और कांग्रेस को एक बताया। उन्होंने सोनिया गांधी और मोहन भागवत को राजस्थान में कांग्रेस व भाजपा के गठबंधन पर बधाई देने की बात कही। उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि भाजपा और कांग्रेस एक हैं। राजस्थान सरकार से बीटीपी अपना समर्थन वापस लेगी। सोनिया गांधी और मोहन भागवत को उनके राजस्थान में हुए गठबंधन की बधाई दीजिए, उन्हें कहिए जलेबी बांटे नए गठबंधन के लिए। डूंगरपुर में जो हमारे साथ हुआ, वहीं आरएलपी के साथ नागौर में भाजपा और कांग्रेस ने मिलकर किया। दरअसल, डूंगरपुर में पंचायत चुनावों में बीटीपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। बीटीपी को 13 सीटें मिली थीं, भाजपा को 8 और कांग्रेस को 6 सीटें मिली थीं। इसके बाद लग रहा था कि बीटीपी आसानी से अपना जिला प्रमुख बना लेगी लेकिन भाजपा की सूर्या अहारी ने कांग्रेस के समर्थन से जिला प्रमुख का चुनाव जीत लिया। भाजपा की सूर्या अहारी ने बीटीपी की ओर से जिला प्रमुख प्रत्याशी पार्वती को एक वोट से हरा दिया। इसके बाद बीटीपी के नेताओं ने कई ट्वीट किए। किसान आंदोलन को भी इसके साथ जोड़ते हुए लिखा गया कि दिल्ली में बैठे किसानों को बताओ, ताकि जो कांग्रेस के दलाल वहां किसानों के बीच बैठे हैं उन्हें सबसे पहले वहां से भगाएं। नहीं तो बीजेपी वाले यहीं कहेंगे कि यह कांग्रेस का आंदोलन था। एक अन्य ट्वीट के माध्यम से कहा गया कि गोधरा कांड के बाद 2004 से 2014 तक केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी। क्या पीड़ित मुस्लिमों को केंद्र की कांग्रेस सरकार ने न्याय दिया था, न्याय नहीं मिला, क्योंकि बीजेपी कांग्रेस एक हैं। उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं से कहा कि बीजेपी-कांग्रेस कार्यकर्ता जहां भी दिखें, उन्हें बधाई दीजिए कि अब तक बीजेपी कांग्रेस का रिश्ता छिपा हुआ था लेकिन अब वह बाहर आ चुका है। वसावा ने कहा कि क्षेत्रीय पार्टियों को सत्ता से दूर करने के लिए कांग्रेस व बीजेपी एक-दूसरे का विरोध कर क्षेत्रीय पार्टियों से गठबंधन करके उन्हें खत्म करती हैं। हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/संदीप/बच्चन-hindusthansamachar.in

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