मोरेटोरियम मामले पर अगली सुनवाई 14 दिसम्बर को होगी
मोरेटोरियम मामले पर अगली सुनवाई 14 दिसम्बर को होगी

मोरेटोरियम मामले पर अगली सुनवाई 14 दिसम्बर को होगी

नई दिल्ली, 09 दिसम्बर (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने लोन मोरेटोरियम के मामले पर आज सुनवाई टाल दिया है। आज रिजर्व बैंक ने बताया कि लोन के रिस्ट्रक्चरिंग का काम 31 दिसंबर तक पूरा हो जाएगा। कोर्ट ने इसका विस्तृत ब्यौरा लेकर आने को कहा। मामले की अगली सुनवाई 14 दिसंबर को होगी। सुनवाई के दौरान स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की ओर से वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि ये आर्थिक नीति का मसला है। इसमें रिजर्व बैंक और सरकार को और ज्यादा करने की जरुरत नहीं है। कोर्ट को ये नहीं भूलना चाहिए कि छोटे-मोटे लाखों जमाकर्ता हैं। ये मसला बैंकों पर छोड़ना चाहिए। तब याचिकाकर्ता की ओर से वकील विशाल तिवारी ने कहा कि इंडियन बैंक्स एसोसिएशन ने रिजर्व बैंक से कहा है कि रिस्ट्रक्चरिंग का काम 31 मार्च तक बढ़ाया जाना चाहिए। तब कोर्ट ने कहा कि इस मसले पर हमें हरीश साल्वे की बात सुननी पड़ेगी। उसके बाद कोर्ट ने सुनवाई 14 दिसंबर तक के लिए टाल दिया। सुनवाई के दौरान 8 दिसंबर को केंद्र की ओर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि रिजर्व बैंक के सर्कुलर केंद्र के निर्देश पर जारी किए गए। पिछले 27 नवंबर को केंद्र सरकार ने कहा था कि कोर्ट को सरकार की वित्तीय नीतियों में दखल नहीं देना चाहिए। सुनवाई के दौरान वकील विशाल तिवारी ने कहा था कि उन्होंने मोरेटोरियम की अवधि 31 मार्च 2021 तक बढ़ाने के लिए याचिका दायर किया है। उन्होंने कहा था कि बैंक और नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कारपोरेशन लोगों को प्रताड़ित नहीं करें इसका दिशानिर्देश जारी करना चाहिए। कर्जदाता बैंक गैरकानूनी तरीका अपना रहे हैं और लोगों से गाली-गलौच की भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं। तिवारी ने कहा था कि कोरोना के संकट के दौरान बारह करोड़ बीस लाख लोगों की नौकरियां गई हैं। जब कोई व्यक्ति तीस से पैंतीस हजार रुपये प्रति महीने कमा रहा था, वह दस हजार रुपये ईएमआई के रुप में देता था। लेकिन जब उसकी आमदनी काफी घट गई है तो वह ईएमआई कहां से चुकाएगा। सुनवाई के दौरान इंडियन बैंक्स एसोसिएशन की ओर से वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने कहा था कि बैंक कर्जदारों को लेकर काफी असहाय हो गए हैं । पिछले 19 नवंबर को कोर्ट ने छोटे कर्जदारों के लिए याचिका दाखिल करने वाले वकील ने दो करोड़ तक के ऋण पर चक्रवृद्धि ब्याज माफ करने पर संतोष जताते हुए उनके मामलों का निपटारा कर दिया था। सुनवाई के दौरान पावर प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि असाधारण परिस्थिति आई है और उनके लिए विशेष सहायता की जरुरत है। हिन्दुस्थान समाचार/संजय/सुनीत-hindusthansamachar.in

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