बिजली में निजी क्षेत्र की भागीदारी की तर्ज पर होगा किसानों को लाभ : शान्ता कुमार
बिजली में निजी क्षेत्र की भागीदारी की तर्ज पर होगा किसानों को लाभ : शान्ता कुमार

बिजली में निजी क्षेत्र की भागीदारी की तर्ज पर होगा किसानों को लाभ : शान्ता कुमार

पालमपुर, 13 दिसम्बर (हि.स.)। भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शान्ता कुमार ने केंद्र सरकार के तीन कृषि सुधार कानूनों को किसानों के हित में बताया है। उन्होंने कहा कि जैसे हिमाचल प्रदेश में निजी क्षेत्र की भागीदारी से काम हो रहा है, उसी तरह किसानों के लिए भी केंद्र सरकार का निर्णय लाभदायक रहेगा। शांता कुमार ने रविवार को जारी एक बयान में कहा कि केंद्र सरकार सघंर्ष के उस मोड़ पर पहुंच गई है जहां आज से 30 वर्ष पहले 1990 में हिमाचल सरकार पहुंची थी। हमने बिजली उत्पादन में निजी क्षेत्र को लाने का महत्वपूर्ण निर्णय किया। उसी पर बिजली कर्मचारी हड़ताल पर चले गये। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को बहुत समझाया गया। हिमाचल में 21 हजार मेगावाट बिजली क्षमता है। सरकारों के पास पैसा नहीं है। कर्मचारियों पर कोई असर नहीं हुआ। हड़ताल उग्र होती गई। सरकार का कामकाज ठप हो गया। तोड़-फोड़ होने लगी। उन्होंने कहा कि सब सोचकर सरकार ने ऐतिहासिक काम नहीं तो दाम नहीं का निर्णय किया। इससे आन्दोलन और उग्र होने लगा। शांता कुमार ने कहा कि मुझे दिल्ली बुलाया गया। सब तरफ से दबाव था कि कर्मचारियों से समझौता किया जाए। मैंने केन्द्रीय नेताओं के सामने विस्तार से सारी बात रखी। अन्त में मुझे सलाह दी गई कि जैसे भी हो हड़ताल समाप्त करवाई जाए। क्योंकि हिमाचल की राजनीति सरकारी कर्मचारियों के सहयोग के बिना नहीं चल सकती। मुझे याद है कि दिवंगत अरुण जेटली ने कहा था कि यद्धपि मेरा निर्णय सुशासन का है परन्तु राजनीति की दृष्टि से गलत है। तब उन्होंने कहा था कि मेरे लिए सुशासन राजनीति से ऊपर है। उन्होंने कहा कि इस ऐतिहासिक परन्तु कठोर निर्णय पर अधिकतर लोग हमारे विरुद्ध थे। पार्टी को भी लगा कि निर्णय भले ही अच्छा हो परन्तु इससे राजनीतिक नुकसान अधिक होगा। 29 दिन तक हड़ताल चली। सरकार बिजली उत्पादन में निजी क्षेत्र के सम्बन्ध में प्रदेश में प्रचार करती रही और डटी रही। आखिर कर्मचारियों को झुकना पड़ा। शांता कुमार ने कहा कि मुझे विश्वास है कि केंद्र सरकार इस कल्याणकारी निर्णय को लागू करने में पीछे नहीं हटेगी और भविष्य में यह निर्णय देश के किसानों के लिए हमारे निर्णय की तरह अत्यन्त लाभदायक रहेगा। हिन्दुस्थान समाचार/सुनील-hindusthansamachar.in

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