बहादुरी पदक के लिए आईटीबीपी के 21 जवानों के नाम की सिफारिश
बहादुरी पदक के लिए आईटीबीपी के 21 जवानों के नाम की सिफारिश

बहादुरी पदक के लिए आईटीबीपी के 21 जवानों के नाम की सिफारिश

नई दिल्ली, 14 अगस्त (हि.स.)। भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) ने उन 21 कर्मियों के नाम बहादुरी पदक के लिए अनुशंसित किये हैं जिन्होंने पिछले मई और जून के महीनों में ईस्टर्न लदाख में चीनी सैनिकों का झड़पों के दौरान बहादुरी से डटकर सामना किया थाI साथ ही आईटीबीपी के डीजी एसएस देसवाल ने 294 आईटीबीपी जवानों को ईस्टर्न लद्दाख में चीनी सैनिकों का शौर्य और बहादुरी के साथ सामना करने के लिए डीजी प्रशंसा पत्र और प्रतीक चिह्न प्रदान किया हैI 6 अन्य जवानों को छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के विरुद्ध सफल अभियानों के लिए डीजी प्रशंसा पत्र और प्रतीक चिह्न प्रदान किया गया हैI डीजी ने शुक्रवार को बताया कि आईटीबीपी जवानों ने ईस्टर्न लदाख में झड़पों के दौरान शील्ड का प्रभावशाली उपयोग किया और बहुत पराक्रम के साथ संख्या में ज्यादा पीएलए जवानों का सामना करते हुए उन्हें रोके रखा और स्थिति को नियंत्रण में रखाI इसके साथ ही आईटीबीपी के जवानों ने कंधे से कन्धा मिलकर बहादुरी से संघर्ष किया और कई घायल सेना के जवानों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंंचाया, कई बार आईटीबीपी के जवानों ने पूरी रात पीएलए का सामना किया और 17 से 20 घंटों तक उन्हें जवाबी कार्रवाई करते हुए रोके रखाI आईटीबीपी ने अपने 318 कर्मियों के नाम और 40 अन्य केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के कर्मियों के नाम केंद्रीय गृहमंत्री स्पेशल ऑपरेशन ड्यूटी मेडल के लिए अग्रेषित किये हैं। जिन्होंने कोरोना प्रसार को रोकने और अन्य प्रयासों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आईटीबीपी ने जनवरी से ही कोरोना के विरुद्ध संघर्ष में बढ़-चढ़कर भूमिका निभाई हैI बल ने देश का पहला 1000 बिस्तरों का क्वारंटाइन केंद्र छावला में बनाया जिसमें वुहान और बाद में इटली के भारतीय नागरिकों को रखा गया, साथ ही बल ने नई दिल्ली में 10000 बिस्तरों वाले विश्व के सबसे बड़े कोविड केयर सेंटर और अस्पताल को भी संचालित किया। हिन्दुस्थान समाचार/अश्वनी-hindusthansamachar.in

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