बंकिम-की-लेखनी-तिलक-की-परिकल्पना-सावरकर-की-जीवन-पद्धति-अटल-की-कविता-का-आधार-आतंकवाद-नहीं-ये-है-हिंदुत्व-का-सार
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बंकिम की लेखनी, तिलक की परिकल्पना, सावरकर की जीवन पद्धति, अटल की कविता का आधार, आतंकवाद नहीं ये है हिंदुत्व का सार

हमारे देश-दुनिया में कई कहावतें हैं जैसे पीठ में छुरा घोंपना, विभीषण होना, जयचंद होना, मान सिंह होना और मीर जाफर होना। इन सारी कहावतों का जो व्यापकता में अर्थ निकल कर आता है उसमें यह बात साफ तौर पर निकल कर बाहर आती है कि इन्हें धोखेबाजी के पर्याय क्लिक »-www.prabhasakshi.com

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