पहला जलयोद्धा पुरस्कार जखनी के उमाशंकर पाण्डेय को
पहला जलयोद्धा पुरस्कार जखनी के उमाशंकर पाण्डेय को

पहला जलयोद्धा पुरस्कार जखनी के उमाशंकर पाण्डेय को

नई दिल्ली, 11 नवम्बर (हि.स.)(संशोधित)। उत्तर प्रदेश का पहला जलयोद्धा पुरस्कार बुधवार को नई दिल्ली में बुंदेलखंड (उत्तर प्रदेश) के बांदा जिले के जखनी गांव के सर्वोदय कार्यकर्ता उमाशंकर पाण्डेय को प्रदान किया गया। पाण्डेय ने जखनी में जल संरक्षण के भगीरथ प्रयास कर बुंदेलखंड के सूखे को दूर करने में अहम भूमिका निभाई है। केंद्र ने जखनी को आदर्श जलग्राम घोषित किया है। उमाशंकर पांडे ने जल संरक्षण के लिए ‘खेत पर मेड़ - मेड़ पर पेड़’ का मंत्र दिया है। उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू की अध्यक्षता में वेबिनार के माध्यम से आयोजित दूसरे राष्ट्रीय जल पुरस्कार समारोह में केंद्रीय जल शक्तिमंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने पाण्डेय को ‘जलयोद्धा’ सम्मान प्रदान किया। इस सम्मान के तहत उमाशंकर पाण्डेय को डेढ़ लाख रुपये नकद और सम्मान पत्र प्रदान किया। उमाशंकर पाण्डेय को बिना सरकारी सहायता के मेड़बंदी के माध्यम से जल रोकने का प्रयास करने के लिए सम्मानित किया गया। वो करीब दो दशक से परंपरागत तरीके से मेड़बंदी के जरिए जल बचाने की दिशा में कार्य कर रहे हैं। इस विधि को बुंदेलखंड सहित देश के सूखा प्रभावित राज्यों में केंद्र एवं राज्य सरकारों ने लागू किया है। पूरे देश में इसे ‘मेड़बंदी जखनी की विधि’ के नाम से जाना जाता है। इस विधि के जरिए धान उगाने को लेकर काफी मुश्किलें झेलने वाले बुंदेलखंड में भी पिछले पांच साल में लाखों क्विंटल बासमती पैदा हुआ है। साथ ही इलाके में भू-जल का स्तर भी ऊपर आया है। जल संरक्षण की दिशा में केंद्र सरकार ने पहली बार ‘जलयोद्धा’ पुरस्कार वितरण की शुरुआत की है। इसमें प्रथम स्थान उत्तर प्रदेश का और दूसरा स्थान पूर्वोत्तर राज्यों का रहा। पाण्डेय को समुदायिक आधार पर बिना सरकारी सहायता लिए किये प्रयासों के लिए सम्मानित किया गया। समारोह के अध्यक्ष उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने जल संरक्षण को जन आंदोलन बनाने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि भारत विशाल देश है और लोगों की भागीदारी के बिना कुछ भी सफल नहीं होगा। दूसरे राष्ट्रीय जल पुरस्कार समारोह के वर्चुअल उद्घाटन भाषण में उप राष्ट्रपति ने उल्लेख किया कि स्वच्छ भारत अभियान कैसे जन आंदोलन बना। नायडू ने कहा “हमारे पास माननीय प्रधानमंत्री, श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू की गई कई अभिनव पहल हैं। सभी लोगों की सक्रिय भागीदारी और विभिन्न हितधारकों की भागीदारी के साथ वे सब के सब आगे बढ़ रहे हैं।” उन्होंने चेताया है कि जब तक पानी की बर्बादी कम नहीं होती और जल संरक्षण युद्धस्तर पर नहीं होता तब तक पीने योग्य पानी के संकट के पैदा होने का खतरा है। इस अवसर पर जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, जल राज्यमंत्री रतन लाल कटारिया, जल शक्ति मंत्रालय सचिव यूपी सिंह, पर्यावरणविद् डॉ अनिल जोशी, राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा के लिए मिशन के महानिदेशक राजीव रंजन मिश्र, पुरस्कार विजेता राज्यों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। हिन्दुस्थान समाचार/आकाश-hindusthansamachar.in

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