नोबेल विजेताओं ने किया बच्चों की सुरक्षा के लिए अमीर देशों से एक ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की मदद का आह्वान
नोबेल विजेताओं ने किया बच्चों की सुरक्षा के लिए अमीर देशों से एक ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की मदद का आह्वान

नोबेल विजेताओं ने किया बच्चों की सुरक्षा के लिए अमीर देशों से एक ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की मदद का आह्वान

नई दिल्ली, 11 सितम्बर (हि.स.)। कोरोना महामारी की वजह से बच्चों पर मंडराते वैश्विक संकट पर चर्चा के लिए आयोजित लॉरिएट्स एंड लीडर्स फेयर शेयर फॉर चिल्ड्रेन समिट का समापन नोबेल विजेताओं, वैश्विक नेताओं और युवा संगठनों ने इस मांग के साथ किया कि कोविड-19 से प्रभावित समाज के सबसे कमजोर और हाशिए पर जा चुके बच्चों की सुरक्षा के लिए तत्काल एक ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की मदद दी जाए। कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन के अमेरिका चैप्टर द्वारा आयोजित इस समिट में पिछले दो दिनों के दौरान कोविड-19 से तेजी से उभरते वैश्विक बाल अधिकार संकट पर गहन विचार-विमर्श किया गया और इसके समाधानों के लिए विश्व समुदाय से फौरन कार्रवाई करने का आह्वान भी किया गया ताकि संकट के समय एक पूरी पीढ़ी को बर्बाद होने से बचाया जा सके। इस अवसर पर कैलाश सत्यार्थी ने विश्व समुदाय और सरकारों से बच्चों को उनका उचित हिस्सा (फेयर शेयर) देने की वकालत की। उन्होंने कहा, “समिट में वक्ताओं द्वारा प्रदर्शित की गई नैतिक प्रतिबद्धता और करुणा ने कोविड-19 संकट से बच्चों को उबारने के लिए राहत उपायों के तौर पर एक ‘फेयर शेयर’ का आह्वान किया है। बच्चों के राहत स्वरूप जो वैश्विक रुख रहा है, वह घृणित रूप से असमान, अन्यायपूर्ण और अनैतिक है। लॉरिएट्स एंड लीडर्स फॉर चिल्ड्रेन द्वारा जारी ‘फेयर शेयर रिपोर्ट’ से पता चला है कि दुनिया की सरकारों ने कोविड-19 से समाज के सबसे कमजोर लोगों को बचाने हेतु जो 8 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर देने का वायदा किया था, उसमें से उनने अभी तक केवल 0.13 प्रतिशत ही आवंटित किया है।” समिट में जारी “फेयर शेयर फॉर चिल्ड्रेन रिपोर्ट” में इस बात का खुलासा भी हुआ कि महामारी के दौरान बाल श्रम, ट्रैफिकिंग, स्कूल से बाहर होने वाले बच्चों की संख्या, गुलामी और बाल विवाह में बढ़ोतरी होगी। ऐसे में अगर समाज के कमजोर और हाशिए पर पड़े बच्चे सरकारों की प्राथमिकता में शामिल नहीं होते हैं, तो कोई कारण नहीं कि लाखों लोगों की जान खतरे में नहीं पड़ जाए। उल्लेखनीय है कि दुनिया के सबसे कमजोर और हाशिए पर पड़े 20 प्रतिशत बच्चों और समुदायों की तात्कालिक जरूरतों को पूरा करने के लिए विशेष रूप से एक ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की मांग पर अमीर देशों से फौरन कार्रवाई करने का आह्वान किया गया है। इस मांग पर अपना समर्थन जाहिर करने और हस्ताक्षर करने के लिए वैश्विक नेताओं और नीति निर्माताओं से एक खुला आह्वान भी किया गया है, जिसे इस महीने के अंत में संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान प्रस्तुत किया जाएगा। लॉरियेट्स एंड लीडर्स फॉर चिल्ड्रेन समिट में नोबेल विजेताओं और वैश्विक नेताओं सहित दुनिया के 40 से अधिक देशों के सरकारी प्रतिनिधियों ने अपनी बात रखी और 5000 से अधिक नीति निर्मातओं, बाल अधिकार कार्यकर्ताओं, अकादमिक जगत के लोगों, बुद्दिजीवियों और युवा नोताओं ने हिस्सा लिया। कैलाश सत्यार्थी की अगुआई में आयोजित लॉरिएट्स एंड लीडर्स सम्मिट फॉर चिल्ड्रेन में शामिल प्रमुख हस्तियों में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित प्रसिद्ध तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा, स्वीडन के प्रधानमंत्री स्टीफन लोफवेन, भारत की महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी, विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस घेब्रेयसस, अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन के महानिदेशक गाय राइडर, यूनिसेफ की कार्यकारी निदेशक हेनेरिटा फोर, ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री गार्डेन ब्राउन, नीदरलैंड्स के विदेश, व्यापार और विकास मंत्री एचई सिग्रिड काग, आर्गेनाइजेशन ऑफ इकोनोमिक को-आपरेशन एंड डिवेलेपमेंट (ओईसीडी) के महासचिव एचई जोस एंजेल गुरिया के नाम शामिल है। नोबेल शांति विजेताओं में लेहमाह गॉबी, तवाकोल कर्मन, मुहम्मद यूनुस, जोस रामोस होर्ता, डॉ. रिगोबर्टा मेन्चू और जोडी विलियम्स सहित कई अन्य वैश्विक नेताओं ने भी सम्मेलन को संबोधित किया। इसके अलावा कई पूर्व बाल मजदूरों और छात्र नेताओं ने भी सम्मेलन को संबोधित किया। इस अवसर पर स्वीडन के प्रधानमंत्री स्टीफन लोफवेन ने कहा, “मैं अपने समन्वित प्रयासों को आगे बढ़ते देखना चाहता हूं, ताकि हम महामारी से उत्पन्न समस्या के समाधान के तौर पर एक उचित, स्थायी और लोकतांत्रिक अधिकारों को सुनिश्चित कर सकें। मैं कमजोर और हाशिए के बच्चों की सुरक्षा के बाबत इस समिट के जरिए हो रही अंतरराष्ट्रीय पहल और प्रतिबद्धता का स्वागत करता हूं।” हिन्दुस्थान समाचार/सुशील-hindusthansamachar.in

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in