जेपी के ग्राम स्वराज्य के सपने को साकार करने में लगी है मोदी सरकार : रामबहादुर राय
जेपी के ग्राम स्वराज्य के सपने को साकार करने में लगी है मोदी सरकार : रामबहादुर राय

जेपी के ग्राम स्वराज्य के सपने को साकार करने में लगी है मोदी सरकार : रामबहादुर राय

नई दिल्ली, 11 अक्टूबर (हि.स.)। लोकनायक जयप्रकाश (जेपी) के संपूर्ण क्रांति आंदोलन के दो प्रमुख सूत्र धारों केएन गोविंदाचार्य और राम बहादुर राय ने सामाजिक, राजनीतिक परिवर्तन के उस आंदोलन का जिक्र करते हुए कहा कि जेपी के सपने को पूरा करने के लिए समाज और सरकार स्तर पर लगातार प्रयास किए जाने की आवश्यकता है। भारत रत्न लोकनायक जयप्रकाश की 118वीं जयंती के मौके पर रविवार को राष्ट्रवादी शिक्षक संघ की ओर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए हिन्दुस्थान समाचार के समूह संपादक राम बहादुर राय ने कहा कि जेपी ने ग्राम स्वराज्य का जो सपना देखा था उसे साकार करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कारगर पहल की है। मोदी सरकार के विभिन्न कार्यक्रमों और प्रयासों को जमीन पर उतारने के काम में नौकरशाही पर्याप्त प्रयास नहीं कर रही है। पुरानी व्यवस्था और प्रशासन तंत्र के कारण सामाजिक परिवर्तन का मिशन प्रभावित हो रहा है तथा भ्रष्टाचार का उन्मूलन नहीं हो पा रहा है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र को जमीनी स्तर तक प्रभावी बनाने के लिए लोकनायक चुनाव सुधारों पर जोर देते थे।उन्होंने 1971 में पहली बार चुनाव सुधार का एजेंडा देश के सामने रखा था। चुनाव सुधार की दिशा में अभी तक कोई खास प्रगति नहीं हो पाई है। राय ने कहा कि देश की जनता की राजनीतिक समझ और जागरुकता के कारण ही आपातकाल के बाद हुए वर्ष 1977 के चुनाव में इंदिरा गांधी की पराजय हुई। जेपी को देश के मतदाताओं पर भरोसा था, इसीलिए वह कुछ नेताओं के इस विचार से सहमत नहीं थे कि चुनाव का बहिष्कार किया जाए। राम बहादुर राय ने बिहार से शुरू हुए संपूर्ण क्रांति आंदोलन के साथ अपने जुड़ाव का उल्लेख करते हुए कहा कि वह वर्ष 1971 में जेपी के संपर्क में आए थे। बाद में बिहार आंदोलन के दौरान उन्हें जेपी का मार्गदर्शन मिला। उल्लेखनीय है कि राय बिहार आंदोलन के दौरान गिरफ्तार होने वाले पहले कार्यकर्ताओं में थे। वह आंतरिक सुरक्षा कानून (मीसा) के अंतर्गत बंदी बनाए जाने वाले पहले कार्यकर्ता थे। राय ने जेपी और नेहरू परिवार के निकट आत्मीय संबंधों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि पंडित जवाहरलाल नेहरू की पत्नी कमला नेहरू और जेपी की पत्नी प्रभावती के बीच काफी निकटता थी तथा दोनों के बीच लंबा पत्राचार हुआ था। शोधकर्ताओं को चाहिए कि वे इस पत्राचार को प्रकाश में लाएं। हिन्दुस्थान समाचार/सुशील/सुनीत-hindusthansamachar.in

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