चुनौतियों का सामना कर, हर तबके के लोगों की भागीदारी से होगा पूर्वांचल का विकास: योगी आदित्यनाथ
चुनौतियों का सामना कर, हर तबके के लोगों की भागीदारी से होगा पूर्वांचल का विकास: योगी आदित्यनाथ

चुनौतियों का सामना कर, हर तबके के लोगों की भागीदारी से होगा पूर्वांचल का विकास: योगी आदित्यनाथ

गोरखपुर, 12 दिसम्बर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूर्वांचल के विकास के लिए किसानों, छात्रों, महिलाओं, शिक्षण संस्थाओं, शिक्षकों, अधिकारियों हर तबके के लोगों से अपील की कि उन्हें इसके विकास के लिए आगे आना पड़ेगा। अपनी जिम्मेदारी को समझना पड़ेगा। सीएम योगी ने कहा कि क्षेत्रीय आर्थिक विषमता किसी भी राष्ट्र के विकास के लिए बाधक है। उत्तर प्रदेश के चार आर्थिक क्षेत्रों पूर्वांचल, पश्चिमाञ्चल, मध्य और बुन्देलखण्ड में भी असमानताएँ है। इसलिए प्रदेश में दो विकास बोर्ड पूर्वांचल और बुन्देलखण्ड बनाये गए हैं। चुनौतियां हर जगह है। पूरी दुनिया में लोगों के सामने चुनौतिया आई हैं और उसका मार्ग भी निकला है। इसी तरह हमें भी चुनौतियों का सामना कर आगे बढ़ना होगा। वे उत्तर प्रदेश सरकार के नियोजन और गोरखपुर विश्वविद्यालय के सयुक्त तत्वावधान में ‘पूर्वांचल का सतत विकास: रणनीतियां और आगे का रास्ता’ विषय पर शनिवार को तीन दिवसीय संगोष्ठी के समापन सत्र को वर्चुअल सम्बोधित करते हुए लोगों से कहा। कहा कि पूरी दुनिया में पूर्वांचल सबसे समृद्ध है। यह प्रथम मानव की भूमि रही। विश्व् की सबसे प्रचीन नगरी काशी, प्राचीनतम नगर प्रयागराज, प्रचुर मात्रा में जल संसाधन यहां, सबसे उर्वर भूमि यहां इसके बाद भी गरीबी और पिछडे़पन की भावना क्यों? इसका कारण प्रकृति और ईश्वर की ज्यादा अनुकम्पा से लोग उदार हो गए। प्रयत्न करना छोड़ दिया। जहां चुनौतियां न हो, विरोध न हो वहां विकास बाधित हो जाता है। उन्होंने कहा पिछले तीन दिनों से सभी मुद्दों पर जो मंथन चला, उसमें स्थानीय स्तर पर ही समस्याओं का निदान होगा। सभी को विकास की प्रक्रिया से जुड़कर न सिर्फ पूर्वी उत्तर प्रदेश, न सिर्फ उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे देश के लिए सम्बल बनना होगा। कहा कि क्षेत्र की विशिष्टताओं को आगे बढ़ाकर विकास करना होगा। बताया कि प्रदेश में 6 बौद्ध तीर्थ उत्तर प्रदेश में है, जिसमें से 5 पूर्वी उत्तर प्रदेश में है। इन क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देकर रोजगार और अन्य आर्थिक श्रोतों का विकास किया जा सकता है। इसके लिए ट्रेंड गाइड, ओला उबेर जैसी टैक्सी के साधनों का विकास करना होगा। कहा कि आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लिए स्थानीय व स्वदेशी चिजों को बढ़ावा देना होगा। जैसे टेराकोटा कला कृति, मिट्टी के दीप, गोबर के दिए आदि। इससे लोकल स्तर पर रोजगार का सृजन भी होगा। उन्होंने सभी शिक्षण संस्थाओ से अपील की कि सरकार की योजनाओं और नीतियों को छात्रों को बताएं। जिससे छात्र भविष्य निर्माण की योजनाओं को सरलता से लेकर आगे बढ़ सकें। हिन्दुस्थान समाचार/पुनीत/राजेश-hindusthansamachar.in

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