गन्ना किसानों के बकाये मूल्य का अविलम्ब भुगतान करे सरकार: अजय लल्लू
गन्ना किसानों के बकाये मूल्य का अविलम्ब भुगतान करे सरकार: अजय लल्लू

गन्ना किसानों के बकाये मूल्य का अविलम्ब भुगतान करे सरकार: अजय लल्लू

-सरकार बनने के 14 दिनों के अन्दर बकाया भुगतान करने का वादा झूठा हुआ साबित -गन्ना किसानों का 12,219 करोड़ सरकार पर बकाया -3,500 करोड़ की निर्यात सब्सिडी को गन्ना किसानों के लिए बताया छलावा लखनऊ, 17 दिसम्बर (हि.स.)। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वह गन्ना किसानों के बकाया भुगतान पर कतई गम्भीर नहीं है। अपने चुनावी संकल्प पत्र में सत्ता में आने पर 14 दिनों के भीतर गन्ना किसानों के बकाए का भुगतान करने और ऐसा न होने पर ब्याज सहित बकाये के भुगतान कराने का वादा करने वाले मुख्यमंत्री जी सत्ता में आने और लगभग चार वर्ष बीत जाने के बाद अपने उस वादे को भूल चुके हैं। उन्होंने कहा कि ब्याज की कौन कहे गन्ना किसानों को उनके मूलधन का भी भुगतान नहीं हो सका है। भाजपा का गन्ना किसानों से चुनाव के दौरान किया गया वादा भी किसानों के लिए सिर्फ छलावा साबित हुआ है। अजय कुमार लल्लू ने कहा कि गन्ना किसान अपने बकाये भुगतान के न होने से आर्थिक नुकसान बर्दाश्त कर रहे हैं और सड़कों पर संघर्ष करने के लिए विवश हैं। इतना ही नहीं कई जनपदों में किसान आर्थिक तंगी व कर्ज के बोझ के चलते आत्महत्या करने के लिए मजबूर हुए हैं। वहीं भाजपा सरकार गन्ना किसानों के प्रति संवेदनहीनता की सारी सीमाएं लांघ रही है। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि योगी सरकार की किसान विरोधी नीतियों के कारण गन्ना किसानों का अभी तक 12,219 करोड़ रुपये का बकाया भुगतान लटका हुआ है और गन्ना किसान वर्तमान पेराई सत्र में भी अपने गन्ने की उपज को चीनी मिलों के हाथों बेचने के लिए मजबूर हैं। योगी सरकार गन्ना किसानों को तिल-तिल कर मरने के लिये विवश कर रही है। उन्होंने कहा कि इसे विडम्बना ही कहा जायेगा कि गन्ना किसानों की खून पसीने और हाड़तोड़ मेहनत से पैदा किये गये गन्ने की उपज के बल पर आज उत्तर प्रदेश चीनी उत्पादन में रिकार्ड तोड़ रहा है और चीनी उत्पादक उद्योगपति शीरा व सेनेटाइजर आदि बनाकर भारी लाभ कमा रहे हैं। सरकार चीनी मिल मालिकों को तमाम तरह की सब्सिडी व सुविधाएं दे रही है। उसके बाद भी वह गन्ना किसानों का बकाया भुगतान न करके गन्ना किसानों का शोषण कर रहे हैं। सरकार चीनी मिल मालिकों के विरुद्ध किसी भी तरह की कोई कार्रवाई से बच रही है। सरकार और चीनी मिल मालिकों की सांठ-गांठ का ही परिणाम है कि चीनी के लिये गन्ने की पैदावार करने वाले गन्ना किसान आर्थिक तंगी और भुखमरी की कगार पर हैं। प्रदेश अध्यक्ष ने 3,500 करोड़ की निर्यात सब्सिडी को गन्ना किसानों के लिए मात्र एक छलावा बताते हुए कहा कि योगी सरकार का यह कदम गन्ना किसानों को भ्रमित करने का प्रयास है। उन्होंने कहा कि गन्ना किसानों का सम्पूर्ण बकाये का भुगतान तत्काल सुनिश्चित कराया जाना ही गन्ना किसानों की समस्या का एक मात्र समाधान है जिसकी तरफ योगी सरकार आंख मूंदे बैठी है। सरकार अपने संकल्प पत्र में दिये गए वचन के अनुसार गन्ना किसानों के सम्पूर्ण बकाये का भुगतान तत्काल कराने की व्यवस्था सुनिश्चित कराए। हिन्दुस्थान समाचार/संजय-hindusthansamachar.in

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