कोविड-19 का प्रोटोकाॅल भूला स्वास्थ विभाग, नसबंदी कराने आई महिलाओं के जीवन से खिलवाड़
कोविड-19 का प्रोटोकाॅल भूला स्वास्थ विभाग, नसबंदी कराने आई महिलाओं के जीवन से खिलवाड़

कोविड-19 का प्रोटोकाॅल भूला स्वास्थ विभाग, नसबंदी कराने आई महिलाओं के जीवन से खिलवाड़

एक पलंग पर लिटा दिया दो-दो महिलाओं को झांसी, 18 दिसम्बर(हि.स.)। दो गज दूरी,माॅस्क है जरुरी। इस जागरुकता भरे प्रचार को भले ही आप अमिताभ बच्चन की आवाज में अपने मोबाइल पर दिन में सौ बार सुनते हों, किन्तु कोरोना वाॅरियर के रुप में पुरस्कृत स्वास्थ विभाग ही इसके प्रोटोकाॅल को तोड़ने में परहेज नहीं करता। इसका उदाहरण मऊरानीपुर सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र में देखने को मिला। वहां नसबंदी कराने आई महिलाओं के जीवन से खिलवाड़ करते हुए स्वास्थ विभाग ने एक पलंग पर दो-दो महिलाओं को लिटा दिया। मुख्यमंत्री के बिना माॅस्क चालान वाले आदेश को भी स्वास्थ विभाग दरकिनार करता नजर आया। जिससे नसबंदी बाली महिलाओं में संक्रमण फैलने का खतरा बना हुआ है। गुरुवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में महिला नसबंदी कराने वाली महिलाओं का मेला लगा हुआ था। जहां कोई भी महिला माॅस्क लगाए हुए नजर नहीं आई। इतना ही नहीं नसबंदी कराने आई महिलाओं को एक पलंग पर दो-दो के जोड़े में लिटाया गया। उनके बीच भी कोई दूरी नजर नहीं आई। अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या ऑपरेशन के लिए आई महिलाओं में संक्रमण फैलने का खतरा नहीं है। इन सभी सवालों के जबाब लेने के लिए जब हम चिकित्सा अधीक्षक डॉ आर जी शंखवार के पास पहुंचे तो उन्होंने कैमरे पर कुछ भी बोलने से साफ इंकार कर दिया। और बन्द कैमरे के दौरान कहा कि लोग नियमों का पालन नहीं करते हैं। जब उनसे पलंग पर दो मरीज लिटाये जाने की बात कही तो इस पर चुप्पी साध ली। चिकित्सा अधिकारी पहले भी रह चुके विवादों में इस घटना के पूर्व भी सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र के चिकित्सा अधिकारी पर पत्रकारों को धमकाने के आरोप लगे थे। यही नहीं उनके खिलाफ मामले में जांच समिति भी गठित की गई थी। लेकिन जिले के अधिकारियों के आशीर्वाद के चलते न जांच दिखाई दी न ही समिति के सदस्यों का जमीर ही निकल कर सामने आया। और इस सबके इतर चिकित्साधिकारी कुंडली मारे अभी भी जमे हुए हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि इन पर कोविड-19 प्रोटोकाॅल का भी कोई असर नहीं है। जबकि जिले में कई स्थानों पर आम जन के 2-2 हजार के चालान महज इस बात पर हो गए कि उन्होंने माॅस्क नहीं लगाया था। अब सवाल यह उठता है कि आखिर वह कौन सी वजह है जिसके चलते मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यवाही करने से हिचकिचा रहे हैं। हिन्दुस्थान समाचार/महेश-hindusthansamachar.in

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