कैबिनेट: सिविल सेवा क्षमता निर्माण से जुड़ी मिशन कर्मयोगी योजना मंजूर
कैबिनेट: सिविल सेवा क्षमता निर्माण से जुड़ी मिशन कर्मयोगी योजना मंजूर

कैबिनेट: सिविल सेवा क्षमता निर्माण से जुड़ी मिशन कर्मयोगी योजना मंजूर

अनूप शर्मा नई दिल्ली, 02 सितम्बर (हि.स.)। केन्द्र सरकार ने बुधवार को सिविल सेवा क्षमता निर्माण मिशन कर्मयोगी को मंजूरी दे दी। यह राष्ट्रीय कार्यक्रम सिविल सेवकों को भारतीय संस्कृति से ओत-प्रोत कराते हुए उन्हें विश्व भर की सर्वोत्तम प्रथाओं को सिखाएगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को इससे जुड़े एक प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई। इसका मकसद सिविल सेवकों को आज के समय के अनुसार कल्पनाशील और नवाचारी, सक्रिय एवं सरल, पेशेवर एवं प्रगतीशील, उर्जावान एवं समर्थकारी, पारदर्शी एवं तकनीकि से युक्त व रचनात्मक एवं सृजनात्मक बनाना है। केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए कहा कि कर्मयोगी मिशन जनअपेक्षा पर खरा उतरने वाले अफसरों को तैयार करने की योजना है। हाल ही में सरकार ने शिक्षा नीति की घोषणा की है और अब हम अगले चरण में अफसरों के क्षमता निर्माण के लिए नई नीति लेकर आए हैं। केन्द्रीय मंत्री डॉ जितेन्द्र सिंह ने कहा कि मिशन कर्मयोगी का मकसद एक सिविल सेवक को एक आदर्श कर्मयोगी के तौर पर तैयार करना है। यह अधिकारियों को उनकी भूमिका के आधार पर उचित स्थान देगा और इस योजना से संस्थागत क्षमता विकास का काम होगा। उन्होंने कहा कि सिविल सेवा का निर्माण सही दृष्टिकोण, कौशल और ज्ञान निहित नवभारत के सपनों के अनुरूप करने के लिए मिशन कर्मयोगी का गठन हुआ है। यह दक्षता आधारित क्षमता विकास पर बल देता है। केन्द्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग में सचिव सी चंद्रमौली ने बताया कि मिशन कर्मयोगी के तहत सिविल सेवा में क्षमता विकास के लिए एक नई राष्ट्रीय व्यवस्था तैयार की जाएगी। सार्वजनिक सेवा प्रदान करने को अधिक प्रभावी बनाने के लिए व्यक्तिगत, संस्थागत और प्रक्रियागत स्तर पर क्षमता विकास व्यवस्था में व्यापक सुधार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इसके तहत प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में एक मानव संसाधन परिषद का निर्माण किया जाएगा। यह परिषद सिविल सेवा क्षमता विकास योजनाओं का अनुमोदन व निगरानी करेगी। इसके अलावा एक क्षमता विकास आयोग तैयार किया जाएगा। यह आयोग प्रशिक्षण मानकों को एकरूप बनाने, साझा फैकल्टी तैयार करने, संसाधनों का सृजन करने और सभी केन्द्रीय प्रशिक्षण संस्थानों की निगरानी करने का काम करेगा। चंद्रमौली ने कहा कि ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म के स्वामित्व और संचालन करने तथा विश्व स्तरीय लर्निंग कंटेंट के मार्केट प्लेस की सुविधा प्रदान करने के लिए पूर्ण स्वामित्व वाले विशेष प्रयोजन माध्यम संस्था तैयार की जाएगी। उन्होंने बताया कि मिशन कर्मयोगी के तहत नियम आधारित के स्थान पर भूमिका आधारित मानव संसाधन प्रबंधन किया जाएगा। इसके लिए एक आईजीओटी-कर्मयोगी डिजिटल प्लेटफार्म तैयार किया जाएगा। सिविल सेवकों के प्रदर्शन पर निरंतर नजर रखी जाएगी। सही दक्षता रखने वाले सिविल सेवकों को सही स्थान पर पहुंचाने से जुड़ा प्रबंधन किया जाएगा। हिन्दुस्थान समाचार-hindusthansamachar.in

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