केंद्रीय जल मंत्री कटारिया व अंबाला शहर विधायक को किसानों ने दिखाए काले झंडे
केंद्रीय जल मंत्री कटारिया व अंबाला शहर विधायक को किसानों ने दिखाए काले झंडे

केंद्रीय जल मंत्री कटारिया व अंबाला शहर विधायक को किसानों ने दिखाए काले झंडे

- केंद्रीय जल मंत्री बोले, प्रधानमंत्री मोदी ने किसानों के हित में बनाए हैं कृषि कानून - बिजली मंत्री ने किसानों के हकों को लेकर सरकार को खड़ा किया कठघरे में चंडीगढ़, 01 दिसम्बर (हि.स.)। बेशक केंद्र सरकार किसानों से बातचीत के लिए तैयार हो गई है लेकिन हरियाणा में कृषि कानूनों का विरोध थम नहीं रहा है। किसानों के समर्थन में दादरी से निर्दलीय विधायक सोमवीर सांगवान ने सरकार से समर्थन वापस लेने का ऐलान किया तो अंबाला शहर में केंद्रीय जल राज्यमंत्री रतनलाल कटारिया व अंबाला शहर विधायक असीम गोयल को काले झंडे दिखाकर विरोध जताया। हरियाणा के बिजली मंत्री रणजीत चौटाला ने किसानों के हकों को लेकर सरकार को कठघरे में खड़ा किया है। दरअसल, अंबाला शहर में केन्द्रीय सामाजिक न्याय अधिकारिता एवं जल शक्ति राज्यमंत्री रतनलाल कटारिया ने मंगलवार को जंडली फाटक के नजदीक सात दशक पुराने रेलवे अंडर ब्रिज बनाने को लेकर भूमि पूजन करने पहुंचे थे। केंद्रीय राज्यमंत्री के आने की भनक लगते ही बड़ी संख्या में किसान फाटक पर एकत्रित हो गए, जैसे ही केंद्रीय मंत्री कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे तो किसानों ने नारेबाजी शुरू कर दी। केंद्रीय मंत्री रतन लाल कटारिया व अंबाला शहर विधायक असीम गोयल को काले झंडे दिखाए। मंत्री को काले झंडे दिखाए जाने से प्रशासन में हड़कंप मच गया और तुरंत ही किसानों को शांत करने के लिए आलाधिकारी मौके पर पहुंचे। इससे पहले कानून व्यवस्था का जिम्मा संभाल रहे प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज को उनके गोद लिए गांव पंजोखरा में किसानों ने काले झंडे दिखाते हुए विरोध जताया था। किसानों द्वारा काले झंडे दिखाए जाने पर केंद्रीय जल राज्यमंत्री रतनलाल कटारिया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों को हितों को देखते हुए नए कृषि कानून बनाए हैं। विपक्षी पा र्टियां इस विषय को लेकर किसानों को बरगलाने का काम कर रही हैं। कांग्रेस पार्टी की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी व राहुल गांधी किसानों के नाम पर अपनी राजनीति कर रहे हैं। बिजली मंत्री चौटाला ने सरकार को खड़ा किया कठघरे में हरियाणा बिजली मंत्री रणजीत चौटाला ने किसानों के हकों को लेकर सरकार को कठघरे में खड़ा किया। किसानों को दिल्ली बार्डर पर रोके जाने पर रणजीत चौटाला ने कहा कि जब आपके घर में लोग जबरन घुसने की कोशिश करेंगे तो आप क्या करोगे। शिक्षा मंत्री का तर्क- कृषि कानून हित में, किसानों को जानकारी नहीं हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने कृषि कानूनों पर तर्क दिया कि यह किसानों के हित में हैं लेकिन बहुत से किसानों को इसकी जानकारी नहीं है। यह प्रक्रिया 2001 में शुरू हुई थी और 2020 में पास हुई है। उस समय सभी राज्यों से इस पर उनकी राय पूछी गई थी। बाकायदा कांग्रेस ने भी घोषणा पत्र में लिखा कि सरकार बनने पर कानून लेकर आएंगे। उन्होंने कहा कि नये कानून में केवल ये कहा गया है कि यदि किसान अपनी उपज मंडी से बाहर बेचना चाहते हैं तो बेच सकते हैं। शिक्षा मंत्री ने कहा कि जिस तरह नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ शाहीन बाग में आंदोलन चलाया गया, वैसे ही है कि किसानों को गुमराह करके यह आंदोलन किया जा रहा है। किसानों के मनों में फैलाई जा रही हैं भ्रांतियां : दिग्विजय चौटाला इनसो के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं जजपा नेता दिग्विजय चौटाला ने कहा कि कृषि कानूनों को लेकर किसानों में भ्रांतियां हैं कि कृषि क़ानूनों से कॉरपोरेट घरानों की मनमानी हो जाएगी और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) समाप्त हो जाएगा, मगर ऐसा कुछ नहीं है। हरियाणा व पंजाब सीएम के बीच फोन कॉल विवाद पर दिग्विजय ने मनोहर लाल का बचाव करते हुए कहा कि पंजाब सीएम ने जो कहा वह शर्मसार बात है, इसलिए उन्हें मांगनी चाहिए। हिन्दुस्थान समाचार/वेदपाल/सुनीत-hindusthansamachar.in

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