एशिया को दुनिया का सिरमौर बनाने के लिए महाद्वीप के सभी देश करें आपस में सहयोग : जयशंकर
एशिया को दुनिया का सिरमौर बनाने के लिए महाद्वीप के सभी देश करें आपस में सहयोग : जयशंकर

एशिया को दुनिया का सिरमौर बनाने के लिए महाद्वीप के सभी देश करें आपस में सहयोग : जयशंकर

नई दिल्ली, 18 सितम्बर (हि.स.)। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि एशिया महाद्वीप को यदि विश्व राजनीति में अग्रणी बनाना है तो इस क्षेत्र के देशों को आपस में मिलकर काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि बहुध्रुवीय विश्व की बुनियाद यह है कि एशिया महाद्वीप भी बहुध्रुवीय बने। जयशंकर ने उद्योग व्यापार संगठन फिक्की की ओर से भारत जापान संबंधों पर तैयार की गई एक रिपोर्ट को शुक्रवार को जारी करते हुए कहा कि भारत और जापान दोनों इस बात के पक्ष में है कि एशिया महाद्वीप बहुध्रुवीय बने। विदेश मंत्री ने अपने संबोधन में भारत और चीन के बीच स्पर्धा का सीधे रूप से उल्लेख नहीं किया। उन्होंने कहा कि भारत और जापान दोनों चाहते हैं कि भारत-प्रशांत क्षेत्र (इंडो पेसिफिक) में एक संतुलित व्यवस्था कायम हो। हिंद महासागर और प्रशांत क्षेत्र में आज पूरी तरह एक दूसरे के साथ जुड़ा हुआ है इसलिए भारत प्रशांत अवधारणा का महत्व और बढ़ गया है। जयशंकर ने कहा कि भारत और जापान के बीच हुए सैन्य आपूर्ति और सेवा समझौते से दोनों देश भारत-प्रशांत क्षेत्र में और कारगर ढंग से सहयोग कर सकेंगे। बदलते हुए विश्व में भारत और जापान ने अपने संबंधों को संतुलित बनाया है। विदेश मंत्री ने कहा कि रक्षा क्षेत्र में दोनों देशों के बीच सहयोग में निरंतर बढ़ोतरी हुई है तथा भारत प्रशांत क्षेत्र में संतुलित व्यवस्था कायम करने उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। कोरोना वायरस महामारी के बाद अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के उपाय का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि भारत के लिए जरूरी है कि वह रोजगार पैदा करने वाली अर्थव्यवस्था को तरजीह दें। इसी लक्ष्य की प्राप्ति के लिए प्रधानमंत्री ने आत्मनिर्भर भारत अभियान की शुरुआत की है। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भरता के क्षेत्र में जापान हमारे लिए एक उदाहरण है। नई दिल्ली में जापानी दूतावास के प्रभारी तोशी हिदो अंदो ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में एक कारगर आपूर्ति प्रणाली कायम करने की आवश्यकता है। हिन्दुस्थान समाचार/अनूप-hindusthansamachar.in

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in