एएसआइ ने स्मारकों पर लगी कैपिंग हटाई,  अब पहले की तरह ऐतिहासिक स्मारकों में प्रवेश पा सकेंगे लोग
एएसआइ ने स्मारकों पर लगी कैपिंग हटाई, अब पहले की तरह ऐतिहासिक स्मारकों में प्रवेश पा सकेंगे लोग

एएसआइ ने स्मारकों पर लगी कैपिंग हटाई, अब पहले की तरह ऐतिहासिक स्मारकों में प्रवेश पा सकेंगे लोग

नई दिल्ली, 19 दिसम्बर (हि.स.) । भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) ने ऐतिहासिक स्मारकों में प्रवेश पर लगी कैपिंग (निर्धारित संख्या की सीमा) हटा दी है। अब पर्यटक स्मारक देखने निर्धारित समय में कभी भी जा सकते हैं। कैपिंग के अलावा जिन स्मारकों में नेटवर्किंग से जुड़ी समस्या है, क्यूआर कोड से टिकट खरीदने में दिक्कत आ रही है उन स्मारकों में टिकट वाली खिड़कियां खोले जाने की अनुमति दे दी गई है। साथ ही स्मारकों में आयोजित होने वाले साउंड एंड लाइट शो फिर से शुरू किए जा सकेंगे। इस संबंध में एएसआई ने सभी राज्यों को निर्देश जारी कर दिए हैं। यह निर्देश सभी राज्यों के संरक्षित स्मारकों में लागू होगा। इस दौरान कोरोना को लेकर पहले से जारी दूसरे दिशा-निर्देशों का पालन पहले की तरह जारी रहेंगे। पर्यटकों को शारीरिक दूरी का पालन करना होगा और मास्क लगाना अनिवार्य रहेगा। बता दें कि कोरोना के मद्देनजर स्मारकों को आम लोगों के लिए बंद कर दिया गया था। जुलाई महीने में जब स्मारकों को दोबारा से पर्यटकों के लिए खोला गया था तो उसके बाद से सीमित संख्या में पर्यटकों को प्रवेश दिया जा रहा था। लालकिला, कुतुबमीनार, पुराना किला व हुमायूं के मकबरे में कैपिंग लगाकर प्रतिदिन पर्यटकों की संख्या निर्धारित कर दी गई थी। वहीं इन सभी स्मारकों के अलावा जंतर मंतर, कोटला फिरोजशाह और सफदरजंग के मकबरे आदि में भी पर्यटकों को क्यूआर कोड से टिकट लेने में असुविधा हो रही है। पर्यटकों को स्मारकों में प्रवेश पाने के लिए एडवांस में ऑनलाइन बुकिंग करवानी पड़ती थी। कई बार लोगों को प्रवेश पाने के लिए कई दिनों का इंतजार करना पड़ता था। एएसआइ ने कैपिंग हटाने के बाद प्रतिदिन कितने पर्यटकों को प्रतिदिन प्रवेश देना है उसका निर्णय अपने मंडलों प्रमुखों के ऊपर छोड़ दिया है। जिसके लिए उन्हें क्षेत्र के जिलाधिकारी से सहमति लेनी होगी। हिन्दुस्थान समाचार/विजयलक्ष्मी-hindusthansamachar.in

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