उपराष्ट्रपति ने नियमित योग और मेडिटेशन का किया आह्वान
उपराष्ट्रपति ने नियमित योग और मेडिटेशन का किया आह्वान

उपराष्ट्रपति ने नियमित योग और मेडिटेशन का किया आह्वान

नई दिल्ली, 20 दिसम्बर (हि.स.)। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने आधुनिक जीवन शैली के कारण होने वाले तनाव और गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) पर काबू पाने के लिए लोगों से नियमित रूप से योग और ध्यान (मेडिटेशन) का अभ्यास करने के साथ ही पारंपरिक भोजन की आदतों की ओर लौटने का आह्वान किया। वेंकैया ने रविवार को वर्चुअल माध्यम से हैदराबाद में सोसाइटी ऑफ कोरोनरी सर्जन की शुरुआत करते हुए कहा कि वैज्ञानिक समुदाय ने निष्कर्ष निकाला है कि कार्डियो-वैस्कुलर रोगों (सीवीडी) में वृद्धि का प्रमुख कारण अनुचित जीवन शैली होता है। उन्होंने कहा कि योग तनाव से राहत देता है और बीमारियों को दूर रखता है। इसलिए, हर किसी को योग को अपनी दिनचर्या मैं शामिल करना चाहिए। विश्वव स्वास्थ्य संगठन के सर्वेक्षण का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि सीवीडी, क्रॉनिक रेस्पिरेट्री डिजीज, मधुमेह, कैंसर जैसी असंक्रामक रोगों की वजह से विश्व भर में 71 प्रतिशत और भारत में लगभग 60 प्रतिशत मौतें होती रही हैं। अधिकांश ग्रामीण क्षेत्रों में आधुनिक और उन्नत स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए, उपराष्ट्रपति ने निजी क्षेत्र से आग्रह किया कि वे जनता के बीच सस्ती कीमत पर ग्रामीण क्षेत्रों में नवीनतम स्वास्थ्य देखभाल और उपचार की सुविधाओं को पहुंचाने के लिए सरकार के साथ सहयोग करें। एक हजार लोगों के लिए एक डॉक्टर के डब्ल्यूएचओ के मानदंडों की तुलना में भारत में डॉक्टर-रोगी अनुपात पर चिंता जताते हुए नायडू ने कहा कि इसे स्थिति को जल्द से जल्द बेहतर किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसके लिए निजी क्षेत्र को सस्ती चिकित्सा शिक्षा प्रदान करने में सरकार के प्रयासों का पूरक होना चाहिए। उपराष्ट्रपति ने बीमा कवरेज को बढ़ाने की बहुत बड़ी आवश्यकता है। उन्होंने केंद्र सरकार के प्रमुख कार्यक्रम आयुष्मान भारत की सराहना करते हुए कहा कि यह वास्तव में एक सराहनीय पहल है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दशकों में भारत ने चिकित्सा क्षेत्र में बहुत प्रगति की है। उन्होंने कहा, देश हाल के वर्षों में एक चिकित्सा पर्यटन स्थल के रूप में उभरा है। उन्होंने कहा कि पहले, भारत से मरीज इलाज के लिए विदेश जाते थे। लेकिन अब विकसित देशों सहित विभिन्न देशों के मरीज सस्ती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा के लिए भारत आ रहे हैं। उन्होंने कहा, इस कोविड-19 महामारी के दौरान स्वास्थ्य सेवा में हमारी क्षमताएं भी स्पष्ट रूप से स्थापित हो गई थीं और दुनिया के कुछ उन्नत देशों की तुलना में मृतकों की संख्या बहुत कम थी।कोविड महामारी के दौरान हमने प्रमाणित किया है कि हम अपनी स्वास्थ्य सुविधाओं को सफलतापूर्वक विकसित कर सकते हैं। महामारी के दौरान डॉक्टरों, नर्सों और स्वास्थ्य कर्मियों के नि:स्वार्थ प्रयासों का कृतज्ञ अभिनन्दन करता हूं। हिन्दुस्थान समाचार /सुशील-hindusthansamachar.in

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in