इन्द्रेश कुमार की पुस्तक छूआछूत मुक्त समरस भारत का लोकार्पण
इन्द्रेश कुमार की पुस्तक छूआछूत मुक्त समरस भारत का लोकार्पण

इन्द्रेश कुमार की पुस्तक छूआछूत मुक्त समरस भारत का लोकार्पण

नई दिल्ली, 06 दिसम्बर (हि.स.)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक, मुस्लिम राष्ट्रीय मंच सहित अनेक संगठनों-संस्थाओं के संस्थापक इन्द्रेश कुमार की नवीनतम पुस्तक- "छुआछूत मुक्त समरस भारत" का रविवार की शाम लोकार्पण सम्पन्न हुआ। डॉ. भीमराव अम्बेडकर की पुण्यतिथि पर ही छुआछूत मुक्ति का संदेश देने के लिए इस पुस्तक का प्रकाशन किया गया। केन्द्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निःशंक ने पुस्तक का लोकार्पण करते हुए कहा कि अस्पृश्यता हमारे समाज के लिए कलंक है। इसे हर हाल में समाप्त होना ही चाहिए। जाति को लेकर समाज में भेदभाव का बने रहना हमारे देश की प्रगति में बाधक है। हमारी महान संस्कृति में जन्मना छुआछूत का कोई स्थान नहीं था। परतंत्रता के कालखंड में इसे जो स्वरूप दिया गया है, उसे अब स्वतंत्रता के कालखंड में पूरी तरह से धो देना चाहिए। उन्होंने डॉ. अम्बेडकर का स्मरण करते हुए उन्हें महान देशभक्त बताया और कहा कि उन्होंने समाज के सशक्तिकरण के लिए बहुत कुछ किया। इन्द्रेश कुमार ने कहा कि उनकी यह पुस्तक सामाजिक जीवन में काम करते हुए आए अनुभवों पर आधारित है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपनी स्थापना के काल से ही जाति व्यवस्था और उस आधार पर भेदभाव को नहीं मानता है। बल्कि संघ संस्थापक डॉ. हेडगेवार तो इस तरह के वाक्य का प्रयोग भी वर्जित रखते थे। हमारे कार्यकर्ता तो अपने नाम के आगे जातिसूचक शब्द भी नहीं लगाते और हमारे प्रशिक्षण वर्गों और कार्यक्रमों में किसी को किसी की जाति का पता तक नहीं चलता। हमारे लिए हिन्दू होने का अर्थ हिन्दू होना ही है, भारतीय होने का अर्थ भारतीय होना ही पर्याप्त है। हम हमेशा से समरस समाज बनाने के लिए कार्य करते हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ पत्रकार एवं इं.गा. राष्ट्रीय कला केन्द्र के अध्यक्ष रामबहादुर राय ने की। पुस्तक का प्रकाशन प्रभात प्रकाशन ने किया है। हिन्दुस्थान समाचार/जितेन-hindusthansamachar.in

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