आईटीबीपी की वीरता और साहस को बयां नहीं किया जा सकता: शाह
आईटीबीपी की वीरता और साहस को बयां नहीं किया जा सकता: शाह

आईटीबीपी की वीरता और साहस को बयां नहीं किया जा सकता: शाह

अजीत पाठक नई दिल्ली, 24 अक्टूबर (हि.स.)। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इंडो तिब्बत बॉर्डर पुलिस (आईटीबीपी) की स्थापना दिवस पर बधाई देते हुए कहा कि इस बल के कर्मियों की वीरता और साहस को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है। शाह ने शनिवार को ट्वीट कर कहा ‘हमारे आईटीबीपी कर्मियों की वीरता और साहस को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है। दुनिया के सबसे कठिन इलाकों में हमारी मातृभूमि की सुरक्षा के लिए उनकी प्रतिबद्धता वास्तव में उल्लेखनीय है। सभी हिमवीर और उनके परिवारों को उनके स्थापना दिवस पर हार्दिक बधाई। भारत को आईटीबीपी पर गर्व है ।’ उल्लेखनीय है कि भारत-तिब्बत सीमा पुलिस की स्थापना 24 अक्टूबर, 1962 को भारत-चीन सीमा पर चीनी आक्रमण के मद्देनजर की गई थी। प्रत्येक वर्ष इस दिन को आईटीबीपी कर्मियों का मनोबल बढ़ाने और इसकी वीरता तथा उपलब्धियों को याद करने के लिए बल के स्थापना दिवस के रूप में मनाया जाता है। आईटीबीपी को शुरू में सीमावर्ती आसूचना, अवैध घुसपैठ और तस्करी रोकने तथा एक गुरिल्ला बल के रूप में भारत-तिब्बत सीमा के साथ-साथ सुरक्षा स्थापित करने के लिए गठित किया गया था। बल के विस्तार के परिणामस्वरूप, आईटीबीपी को समय-समय पर सीमा सुरक्षा ड्यूटी, आतंकवाद रोधी कार्य और आंतरिक सुरक्षा कार्यों के अलावा अन्य कार्य भी सौंपे गए हैं। हिन्दुस्थान समाचार-hindusthansamachar.in

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