नई दिल्ली, 19 सितम्बर (हि.स.)। लोकसभा में शनिवार को मनरेगा मजदूरों की दैनिक आय को 202 रुपये से अधिक करने एवं उनका वार्षिक कार्य दिवस 100 दिन से बढ़ाकर 200 दिन करने की मांग जोरशोर से उठी। इसके साथ ही देश के छोटे शहरों, कस्बों व ग्रामीण क्षेत्रों में ऑक्सीजन बेड की उपलब्धता सुनिश्चित करने की भी मांग की गई। अपना दल-एस की अध्यक्ष व सांसद अनुप्रिया पटेल ने शून्यकाल की कार्यवाही के दौरान अपनी बात रखते हुए कहा कि कोरोना महामारी के दौरान देश की आम जनता विशेष कर गरीब वर्ग के लिए उनकी तमाम आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए कदम सराहनीय हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना आपदा के दौरान मजदूरों के लिए मनरेगा एक सबसे बड़ी सेफ्टी नेट के तौर पर कार्य कर रहा है। इस योजना के जरिए मजदूरों को गांव में ही रोजगार मुहैया कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मजदूरों को उनके गांव में रोजगार के लिए 40 हजार करोड़ का प्रावधान कराना एक अच्छी पहल है। पटेल ने मनरेगा मजदूरों का दैनिक वेतन 182 रुपये से बढ़ाकर 202 रुपये करने के लिए केंद्र की सराहना करते हुए मांग की कि इन मजदूरों का दैनिक वेतन 202 रुपये से ज्यादा किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी मांग की कि हर गांव के अंतर्गत मजदूरों के लिए कार्य योजनाएं बढ़ाई जाएं और उनके वार्षिक कार्य दिवस को 100 दिन से बढ़ाकर 200 दिन किया जाए। इसके लिए कार्य स्थल पर मनरेगा मजदूरों के लिए कोरोना से बचाव हेतु आवश्यक सुरक्षा उपाय भी किए जाएं। पटेल ने यह कहा कि कहा कि वर्तमान में देश में 52 लाख से अधिक कोरोना के मरीज हो गए हैं। रोजाना एक लाख नए मरीज आ रहे हैं। रोज 10 लाख टेस्ट हो रहे हैं। पीएम केयर्स से बड़ी संख्या में वेंटिलेटर की व्यवस्था की गई है। इसके बावजूद छोटे शहरों, कस्बों और ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य ढांचा काफी अपर्याप्त है और विशेष तौर पर ऑक्सीजन बेड्स की भारी कमी देखने को मिल रही है। इसलिए मरीजों के इलाज हेतु ग्रामीण क्षेत्रों, छोटे शहरों एवं कस्बों में इसकी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने मांग की कि ग्रामीण क्षेत्रों के स्वास्थ्य केंद्रों में ऑक्सीजन सिलिंडर की भी व्यवस्था की जाए। हिन्दुस्थान समाचार/अजीत-hindusthansamachar.in