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योग मजहबी प्रक्रिया नहीं साझी विरासत, रामदेव ने सिंघवी को दिया जवाब

हरिद्वार, 21 जून (हि.स.)। पंतजलि योगपीठ में योगगुरु बाबा रामेदव और आचार्य बालकृष्ण ने सोमवार को सातवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर योगाभ्यास का शंखनाद किया। योगपीठ में प्रातः 5 बजे से कार्यक्रम शुरू हुआ। इसी बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने योग को लेकर ट्वीट से विवाद छिड़ गया। बाबा रामदेव ने सिंघवी पर पलटवार करते हुए कहा कि योग मजहबी प्रक्रिया नहीं। यह साझी विरासत है। दरअसल सिंघवी ने ट्वीट में लिखा है कि ओम के उच्चारण से न तो योग ज्यादा शक्तिशाली हो जाएगा और न अल्लाह कहने से योग की शक्ति कम होगी। सिंघवी के ट्वीट पर बाबा रामदेव ने यह प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा- 'ईश्वर-अल्लाह तेरे नाम, सबको सन्मति दे भगवान। खुदा, अल्लाह, भगवान, परमात्मा सब एक हैं। ऐसे में किसी को ओम बोलने से क्या दिक्कत है और हम किसी को खुदा बोलने से मना नहीं कर रहे हैं। ओम कोई व्यक्ति या मूर्ति नहीं है। मुझे लगता है कि इन सभी को योग करना चाहिए, फिर इनको एक ही ओम, एक ही परमात्मा का नूर दिखेगा।' बाबा रामदेव ने कहा कि योग हमारे सनातन धर्म में आदि अनादि काल से चला आ रहा है। योग करने से शरीर में पनप रहे तमाम रोगों से मुक्ति पाई जा सकती है। हिन्दुस्थान समाचार/रजनीकांत शुक्ल/मुकुंद

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