आगरा में चीनी मांझे में फंसी चील को वाइल्डलाइफ टीम ने बचाया
आगरा, 17 मार्च (आईएएनएस)। आगरा के चिपिटोला इलाके में वाइल्डलाइफ एसओएस रैपिड रिस्पांस यूनिट ने चीनी मांझे में फंसी चील को सुरक्षित बचा लिया। मांझा से लिपटा हुआ पक्षी अपने पंखों और पैरों के चारों ओर एक पेड़ की शाखाओं से लटका हुआ था, वर्तमान में चिकित्सा पर्यवेक्षण और देखभाल के अधीन है। वन्यजीव एसओएस रैपिड रिस्पांस यूनिट की दो सदस्यीय टीम को तुरंत स्थान पर भेजा गया और इन्होंने वन विभाग और नगर निगम के साथ संयुक्त रूप से बचाव अभियान चलाया। पक्षी तक पहुंचने के लिए एक स्काई लिफ्ट का उपयोग करना पड़ा, क्योंकि वह एक ऊंचे पेड़ की सबसे ऊपरी शाखाओं में फंसी हुई थी। बिना किसी अनावश्यक दबाव के पक्षी को धीरे से हिलाने के लिए एक पोल का इस्तेमाल किया गया था। एक घंटे की मशक्कत के बाद चील को पेड़ से बाहर निकाला गया। पैरों और पंखों पर चोट लगने के कारण, चील को तत्काल चिकित्सा सहायता के लिए वाइल्डलाइफ एसओएस ट्रांजिट फैसिलिटी में ले जाया गया। वाइल्डलाइफ एसओएस की पशु चिकित्सा सेवा के उप-निदेशक डॉ. इलियाराजा ने बताया कि विस्तृत चिकित्सा जांच से पता चला कि चील को पैरों और पंखों में चोट है। हालांकि चोटें मामूली हैं, लेकिन वह फिलहाल उड़ने में असमर्थ है और अभी निगरानी में है। हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि पक्षी नियमित अंतराल पर अपना भोजन और पानी प्राप्त करे जिससे उसे जल्द ही वापस छोड़ा जा सके। वाइल्डलाइफ एसओएस के सह-संस्थापक और सीईओ कार्तिक सत्यनारायण ने बताया कि चाइनीस मांझा एक तेज कांच या धातु लेपित नायलॉन स्ट्रिंग है, जिसका उपयोग पतंग उड़ाने के लिए किया जाता है। ये तार पक्षी के मांस और हड्डी को काट सकते हैं, जिससे जान को खतरा हो सकता है। यह विशेष पक्षी चीनी मांजा का शिकार हो गयी और उसके पैरों और पंखों पर चोट लग गई। अगर यह वन्यजीव एसओएस बचाव दल द्वारा समय पर हस्तक्षेप नहीं किया जाता, तो पक्षी अपना कीमती जीवन खो देता। ब्लैक काइट (चील) एक मध्यम आकार का पक्षी है। यह दुनिया की सबसे प्रचुर प्रजाति माना जाती है, हालांकि इनकी आबादी में घटते जंगल, शिकार में कमी और कृषि कीटनाशकों के कारण गिरावट या उतार-चढ़ाव का अनुभव किया जा रहा है। चील शिकारी पक्षी होती है। उनके आहार में विभिन्न प्रकार की मछलियां, सरीसृप और अन्य छोटे स्तनधारी और पक्षी भी शामिल हैं। --आईएएनएस एचके/आरजेएस