नई दिल्ली, रफ्तार। यूनियन पब्लिक सर्विस कमिशन (UPSC) द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा में टॉप रैंक पाने वाले अभ्यर्थी आईएएस बनते हैं। फिर आईपीएस का नंबर आता है। टॉप रैंक होल्डर मंत्रालयों और विभागों में वरिष्ठ अधिकारी के रूप में नियुक्त होते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं एक आईएएस की सैलरी कितनी होती है? इनकी सैलरी निर्धारित कौन करता है? बता दें किसी भी मंत्रालय या विभाग में छोटे से बड़े पद तक हर कर्मचारी को जो सैलरी मिलती है, उसका निर्धारण पे कमीशन द्वारा होता है। सरकार एक कमेटी बनाती है, जो बढ़ती महंगाई दर सहित अन्य कारकों के आधार पर यह तय करती है कि किस रैंक के अधिकारी या कर्मचारी को कितनी सैलरी मिलनी चाहिए। अभी 7वां वेतन आयोग प्रभावी है।
7th पे कमीशन के अनुसार एक आईपीएस या आईएएस की शुरुआती सैलरी 56,100 रुपये प्रतिमाह है। यह बेसिक सैलरी है। इसके अलावा उन्हें मासिक टीए, डीए, एचआरए, मोबाइल समेत कई भत्ते मिलते हैं। कुल मिलाकर IPS या IAS अधिकारी की शुरुआती इन हैंड सैलरी 1 लाख रुपये से अधिक हो जाती है। समय, प्रमोशन और रैंक बढ़ने के साथ सैलरी बढ़ती है।
आईएएस अधिकारी की टॉप रैंक कैबिनेट सेक्रेटरी की होती है। इस पद पर उन्हें 2.5 लाख रुपये सैलरी मिलती है। सामान्य रूप से आईएएस या आईपीएस अधिकारी की बेसिक सैलरी 56100 रुपये से 2,25,000 रुपये होती है। अलग से भत्ते भी मिलते हैं।
आईएएस और आईपीएस अधिकारियों को उनकी सैलरी के अलावा पे-बैंड के अनुसार अन्य लग्जरी सुविधाएं दी जाती हैं। घर, सिक्योरिटी, कुक, हाउस हेल्प, गाड़ी, लिमिटेड पेट्रोल, ड्राइवर की सुविधा मिलती है। अगर, पोस्टिंग छोटे जिलों में है तो सबसे बड़ा बंगला वहां के आईएएस अधिकारी का होता है।
पेंशन की बात करें तो अन्य सरकारी कर्मचारियों की तरह आईपीएस, आईएएस को पेंशन पहले मिलती थी। अब आप न्यू पेंशन स्कीम में जो निवेश करते हैं, उसके हिसाब से रिटायरमेंट बाद पेंशन मिलती है।
अन्य खबरों के लिए क्लिक करें:- www.raftaar.in