हमें पहनना ही होगा योग, प्राणायाम व आयुर्वेद का कवच: डॉ. मोक्षराज

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भरतपुर, 06 जून (हि.स.)। कोरोना संकट एक प्राकृतिक महामारी का परिणाम है या चीन की ओर से प्रायोजित जैविक हथियार का प्रभाव, इस बात का निर्णय अभी भविष्य के गर्भ में निहित है। किन्तु संक्रमण ने संपूर्ण जनसमुदाय को मानसिक, शारीरिक एवं आर्थिक रूप से भारी क्षति पहुंचाई है। इस विश्वव्यापी संकट को कम करने के लिए हमें अन्य उपायों के साथ-साथ योग, प्राणायाम तथा आयुर्वेद का कवच पहनना होगा। योग हमारे जीवन के लिए वरदान है। यह विचार अमेरिका स्थित भारतीय राजदूतावास वाशिंगटन डीसी में प्रथम सांस्कृतिक राजनयिक एवं योग शिक्षक रहे डॉ. मोक्षराज ने सातवें विश्व योग दिवस के लिए जन जागरुकता के क्रम में आयोजित नि:शुल्क अंतरराष्ट्रीय योग निबंध प्रतियोगिता के लिए हुई ऑनलाइन बैठक में व्यक्त किए। निबंध प्रतियोगिता के आयोजन अध्यक्ष के रूप में उन्होंने बताया कि यह प्रतियोगिता अंतरराष्ट्रीय वेद प्रचारिणी सभा, भारत द्वारा आयोजित की जा रही है। भारतीय महावाणिज्यिक दूतावास, अटलांटा में भारतीय संस्कृति शिक्षक एवं यूजीसी नई दिल्ली में योग विशेषज्ञ रहे डॉ. सोमवीर आचार्य इस प्रतियोगिता के मुख्य संयोजक हैं। डॉ. आर्य विगत 2 वर्ष से कई देशों के लोगों को नि:शुल्क ऑनलाइन योग सिखा रहे हैं। डॉ. मोक्षराज ने बताया कि इस प्रतियोगिता का निमंत्रण कई देशों की 30 भाषाओं में प्रेषित किया है। इन भाषाओं में संस्कृत, हिंदी, अंग्रेज़ी, रसियन, स्पेनिश, फ्रेंच, इटालियन, हिब्रू, ग्रीक, जापानी, चीनी, कोरियाई, नेपाली, उर्दू, अरबी, बंगाली, गुजराती, मराठी, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम, तमिल, उडिय़ा, पंजाबी, सिंधी आदि भाषाएं सम्मिलित हैं। इस प्रतियोगिता में उत्तरी अमेरिका, यूरोप अफ्रीका, एशिया, दक्षिणी अमेरिका तथा ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप के 100 से अधिक देशों के योग-साधकों एवं शिक्षकों को निबंध प्रेषित करने के लिए आमंत्रण भेजे गए हैं। कोरोना महामारी का यौगिक समाधान विषय पर आयोजित इस नि:शुल्क प्रतियोगिता के लिए अब तक देश-विदेश से 425 निबंध प्राप्त हो चुके हैं। यह प्रतियोगिता 15 वर्ष से 21 वर्ष तथा 22 वर्ष से अधिक आयु वाले दो वर्गों में आयोजित की जा रही है। अंतरराष्ट्रीय वेद प्रचारिणी सभा अजमेर द्वारा 20 जून को प्रतियोगिता का परिणाम घोषित किया जाएगा। अमेरिका, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया के निवासी विजेताओं को अधिकतम 301 डॉलर तथा एशिया एवं अफ्रीकी मूल के प्रतिभागियों के लिए 11 हज़ार रुपये तक के पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे। आयोजन समिति की इस बैठक में डॉ. सोमवीर आर्य, हरियाणा, राजस्थान, विन्यास योग स्टूडियो से रंजना छाबड़ा, दिल्ली से लक्ष्मी कुमार, गुजरात से रमा वत्स व कल्याणी ठक्कर, झारखंड से अर्पणा पांडे, सूरतगढ़ से हर्ष भारती, महाराष्ट्र से युगंधरा कुलकर्णी, प्रतापगढ़ से आलोक पटवा, कर्नाटक से विशाखा वशिष्ठ, छत्तीसगढ़ से कमला नायक, बिद्याधर कुंभकार, बबन पाण्डेय एवं धर्मवीर आदि उपस्थित थे। हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/संदीप

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