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व्यापम मामला : दो आरोपियों को मिली सात साल की कैद

भोपाल, 31 जनवरी (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश व्यावसायिक परीक्षा बोर्ड (जिसे व्यापम के नाम से भी जाना जाता है) द्वारा आयोजित पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा से संबंधित 2013 के मामले में सीबीआई की एक विशेष अदालत ने सोमवार को एक उम्मीदवार सहित दो आरोपियों को सात साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई। सत्य नारायण यादव (उम्मीदवार) और लक्ष्मी नारायण यादव (उम्मीदवार के लिए प्रतिरूपणकर्ता) को सात साल की जेल की सजा सुनाई गई और प्रत्येक पर 8,000 रुपए का जुर्माना लगाया गया। दो सितंबर 2015 को सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में मामला दर्ज किया था। शीर्ष अदालत के निर्देश पर सीबीआई ने जांच अपने हाथ में ले ली थी। इससे पहले भोपाल पुलिस मामले की जांच कर रही थी। पुलिस थाना जहांगीराबाद, भोपाल (एमपी) में दो आरोपियों के खिलाफ शिकायत कर आरोप लगाया गया था कि उक्त आरोपी ने व्यापम द्वारा आयोजित पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में धोखाधड़ी, जालसाजी की साजिश रची थी। यह आरोप लगाया गया था कि सत्य नारायण यादव ने 2013 में लिखित परीक्षा में उनका चयन किया था। उनके खिलाफ राज्य पुलिस ने सीजेएम भोपाल की अदालत में चार्जशीट दाखिल की थी। मामले में आगे की जांच को खुला रखा गया था। सीबीआई द्वारा की गई जांच के दौरान उक्त परीक्षा में उम्मीदवार सत्य नारायण यादव की ओर से लक्ष्मी नारायण यादव की पहचान मुख्य आरोपी के रूप में हुई थी। विशेषज्ञ की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि लक्ष्मी नारायण यादव के अंगूठे का निशान उम्मीदवार यादव की ओएमआर उत्तर पुस्तिका पर उपलब्ध अंगूठे के निशान से मेल खाता है। जांच के बाद, सीबीआई ने 2016 में विशेष न्यायाधीश, सीबीआई मामले, भोपाल की अदालत के समक्ष सत्य नारायण यादव और लक्ष्मी नारायण यादव के खिलाफ एक आरोप पत्र दायर किया। निचली अदालत ने दोनों आरोपियों को दोषी पाया और दोषी करार दिया। --आईएएनएस एचएमए/आरजेएस

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