विवेकानन्द जी हिन्दुस्थान के धार्मिक व सांस्कृतिक राजदूत: सह प्रांत प्रचारक
प्रयागराज, 12 जनवरी (हि.स.)। स्वामी विवेकानंद जी हिन्दुस्थान के धार्मिक सांस्कृतिक राजदूत थे। उनके विचारों और जीवनशैली से व्यक्ति जीवनपर्यंत बहुत कुछ सीख सकता है। उनका कहना था कि कोई एक विचार बना लो और उस विचार को अपनी जिंदगी बना लो। उस विचार को बार-बार सोचो उसके सपने देखो और उसे जियो। उक्त बातें श्री सुमंगलम् सामाजिक संस्था द्वारा आयोजित स्वामी विवेकानंद जन्म दिवस समारोह में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह प्रांत प्रचारक मुनीश ने कही। उन्होंने कहा कि विवेकानंद जी हिन्दुस्थान के धार्मिक व सांस्कृतिक राजदूत थे और जब तक दुनिया रहेगी तब तक रहेंगे। युवा तो आज भी उन्हें अपना प्रेरणा स्रोत मानता है। उन्होंने कहा कि जो लक्ष्य तय करो उससे पीछे मत हटो। उन्होंने युवाओं में ऊर्जा का संचार करते हुए कहा कि विवेकानंद जी ने तय किया कि भले ही परेशानियां उनके प्राण निकाल दें लेकिन वह अपने इरादों से पीछे नहीं हटेंगे यही उनके जीवन के सफलता का राज है। राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. कामेश्वर नाथ सिंह ने अपने कहा कि स्वामी जी का स्पष्ट मानना था कि जब तक तुम स्वयं पर भरोसा नहीं कर सकते तब तक खुदा और भगवान पर भरोसा नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि स्वामी जी की अजीब सी वेशभूषा देखकर बच्चे पीछे पीछे दौड़ते थे और वहां का समाज कुछ अजीब सी धारणा उनके बारे में रखता था। इन सब के बावजूद विवेकानंद जी ने हिम्मत नहीं हारी और विश्व धर्म सम्मेलन में मजबूती से भारत का पक्ष रखा। उनकी यही जिजीविषा उनकी सफलता का राज है। उन्होंने कहा यदि सभी उनकी राह पर चले तो सफल होने से कोई रोक नहीं सकता। कार्यक्रम में गरीब असहाय और निर्धन व्यक्तियों को कम्बल का वितरण भी किया गयास कार्यक्रम में डॉ पीयूष, डॉ सुदीप वर्मा, पूर्व मंत्री उत्पल राय, पार्षद पवन श्रीवास्तव, नागेंद्र सिंह, अरविंद, डॉ बी डी अग्रवाल, अखिलेश यादव, अंबुज सहाय सहित भारी संख्या में लोग उपस्थित रहे। हिन्दुस्थान समाचार/विद्या कान्त/राजेश-hindusthansamachar.in