हाईकोर्ट ने वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ पर दर्ज एफआईआर की जांच रोकी

हाईकोर्ट ने वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ पर दर्ज एफआईआर की जांच रोकी
हाईकोर्ट ने वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ पर दर्ज एफआईआर की जांच रोकी

नई दिल्ली, 11 जून (हि.स.)। दिल्ली हाईकोर्ट ने पत्रकार विनोद दुआ के खिलाफ दर्ज एफआईआर के मामले में जांच पर अगले आदेश तक रोक लगा दिया है। जस्टिस अनूप जयराम भांभानी ने कहा कि प्रथम दृष्टया विनोद दुआ के खिलाफ कोई केस नहीं बनता है। विनोद दुआ पर बीजेपी के प्रवक्ता नवीन कुमार ने एफआईआर दर्ज कराई है। एफआईआर में विनोद दुआ पर अपने यूट्यूब चैनल के जरिये झूठी सूचना देने और सांप्रदायिक वैमनस्य फैलाने का आरोप लगाया गया है। एफआईआर में कहा गया है कि विनोद दुआ ने दिल्ली दंगों को लेकर अपने शो में वैमनस्य फैलाने का काम किया है। इससे कोरोना के संकट के दौरान लोगों के बीच सद्भाव खत्म होने की आशंका है। सुनवाई के दौरान विनोद दुआ की ओर से वकील विकास सिंह ने अगर याचिकाकर्ता को अग्रिम जमानत दी जाती है तब भी पुलिस उन्हें जांच के नाम पर बुलाकर प्रताड़ित करने की कोशिश करेगी। उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ता एक राजनीतिक दल से संबंध रखते हैं जो वर्तमान में केंद्र में सत्ता में हैं। उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ता की ओर से शिकायत करने में की गई काफी देरी की कोई वजह नहीं बताई गई है। यू-टूयब चैनल पर प्रसारण के 70 दिनों के बाद शिकायत की गई। दिल्ली पुलिस की ओर से वकील पीयुष सिंघल ने कहा कि इस मामले में जांच शुरुआती स्तर पर है। इस मामले में केवल यू-ट्यूब को नोटिस दिया गया है और आरोपी को अभी नोटिस भी नहीं दिया गया है। कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के मंजूर सईद खान बनाम महाराष्ट्र सरकार के केस के फैसले का हवाला दिया जिसमें कहा गया है कि समुदायों के बीच वैमनस्य पैदा करने के लिए किसी दूसरे समुदाय विशेष की चर्चा जरुरी है। कोर्ट ने कहा कि वेबकास्ट के ट्रांसक्रिप्ट देखकर ऐसा नहीं लगता है कि कोई संज्ञेय अपराध हुआ है। कोर्ट ने कहा कि वेबकास्ट में तीन लोगों के जो नाम लिए गए हैं वे हाईकोर्ट के आदेश को दर्शाया गया है। आपको बता दें कि विनोद दुआ के खिलाफ ट्रायल कोर्ट ने पिछले 10 जून को अग्रिम जमानत दे दी है। हिन्दुस्थान समाचार/संजय/सुनीत-hindusthansamachar.in

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