vhp-writes-to-president-to-take-immediate-effective-steps-against-violence-in-bengal
vhp-writes-to-president-to-take-immediate-effective-steps-against-violence-in-bengal

बंगाल में हिंसा के खिलाफ तत्काल प्रभावी कदम उठाने के लिए विहिप ने राष्ट्रपति को लिखा पत्र

- विहिप कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा, असामाजिक तत्वों के खिलाफ फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट में चले मुकदमा नई दिल्ली, 11 मई (हि.स.)। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर पश्चिम बंगाल में जारी हिंसा और अत्याचार की घटनाओं को तत्काल रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने की मांग की है। विहिप ने कहा है कि इन घटनाओं में संलिप्त असामाजिक तत्वों की पहचान कर उनके खिलाफ फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाया जाए। साथ ही पीड़ितों के पुनर्वास की व्यवस्था और उनको हुए नुकसान की भरपाई भी की जाए। विहिप के केंद्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने राष्ट्रपति को लिखे पत्र में कहा है कि पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के तुरंत बाद से वहां पर सत्तारूढ़ टीएमसी के कार्यकर्ताओं और जिहादियों ने जिस प्रकार हिंसा का तांडव चला रखा है, उससे पूरा देश चिंतित है। ममता बनर्जी ने चुनाव प्रचार के दौरान ही धमकियां दी थीं कि केंद्रीय सुरक्षा बल तो केवल चुनाव तक है और चुनाव के बाद तो उनको ही सब देखना है। बंगाल में अनियंत्रित राज्यव्यापी हिंसा पूर्वनियोजित है। ऐसा लगता है कि पुलिस एवं प्रशासन को कह दिया गया है कि वह इसकी अनदेखी करता रहे। परिणामस्वरूप, तृणमूल कार्यकर्ताओं और जिहादियों के गठजोड़ से खुलेआम विपक्ष के कार्यकर्ताओं की हत्या हो रही है। उन्होंने लिखा है कि मालदा में दो भाइयों की हत्या करके उनके शव पेड़ से लटका दिए गये। घर जलाएं जा रहे, दुकानें लूटी जा रही हैं और महिलाओं के साथ अभद्र व्यव्हार हो रहा है। इस हिंसा का बड़ा निशाना अनुसूचित जाति और जनजाति के लोग बन रहे हैं। कूचबिहार से सुंदरवन तक भय के वातावरण में वहां की हिंदू आबादी को पलायन के लिए मजबूर किया जा रहा है। यह सब भारतीय संस्कृति और संविधान के सह-अस्तित्व के मूल्यों और कानून के शासन का उलंघन है। विहिप कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि ममता बनर्जी के पिछले दो शासनकाल में भी वहां का हिंदू समाज त्रस्त रहा है, परंतु इस बार शासन काल का प्रारंभ जिस ढंग से हुआ है उससे पूरा देश यह समझ रहा है कि अगर इसी समय बंगाल के प्रशासन को नियंत्रित नहीं किया गया तो आगामी 5 साल में क्या होगा? हो सकता है कुछ स्थानों पर हिंदू समाज आत्मरक्षा के लिए स्वयं कुछ उपाय करने पर मजबूर हो जाए। दोनों ही स्थितियां पूरे देश के लिए चिंता का विषय हैं, इसलिए राज्य में कानून एवं व्यवस्था की बहाली के लिए तत्काल प्रभावी कदम उठाने की जरूरत है। हिन्दुस्थान समाचार/पवन

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in