VALENTINE DAY: पर्वतों की रानी मसूरी बना था भारत का पहला वेलेंटाइन डे स्पॉट, जानें रोचक किस्सा

वेलेंटाइन डे रोम के पादरी संत वेलेंटाइन को समर्पित है। फरवरी का महीना यूं तो साल का सबसे छोटा महीना होता है, लेकिन इस महीने में बनी यादें जिंदगी भर साथ रह जाती हैं।
VALENTINE DAY: पर्वतों की रानी मसूरी बना था भारत का पहला वेलेंटाइन डे स्पॉट, जानें रोचक किस्सा

नई दिल्ली, एजेंसी। पर्वतों की रानी मसूरी का अपना विशेष महत्व है। यहां भारत का पहला वेलेंटाइन डे मनाना प्रारंभ हुआ। उत्तराखंड के मसूरी में 1843 में भाई ने अपनी बहन को लिखा था पहला वेलेंटाइन खत। यह चर्चा ऑरिया ऑफ जैकोबस की पुस्तक में वेलेंटाइन डे की चर्चा में उद्धृत की गई है।

प्रेमी जोड़ों के लिए बेहद खास होता है

वेलेंटाइन डे रोम के पादरी संत वेलेंटाइन को समर्पित है। फरवरी का महीना यूं तो साल का सबसे छोटा महीना होता है, लेकिन इस महीने में बनी यादें जिंदगी भर साथ रह जाती हैं। इसी महीने फाल्गुन माह का प्रारंभ होता है जो बसंत के बाद उत्साह और उल्लास का पर्व है। अपने साथ हल्की गुनगुनी धूप लेकर आने वाला फरवरी कई प्यार भरी कहानियां भी साथ लेकर आता है। संत वेलेंटाइन के नाम पर मनाया जाने वाला यह दिवस प्रेमी जोड़ों के लिए बेहद खास होता है। इस दिन प्रेमी जोड़े एक दूसरे से अपने प्यार का प्रस्तुतिकरण करते हैं।

पहला वेलेंटाइन डे वर्ष 496 ईस्वी में मनाया गया था
इतिहासकारों के मुताबिक ऑरिया आफ जैकोबस की किताब में वेलेंटाइन डे की चर्चा की गई है। इसके अनुसार पहला वेलेंटाइन डे वर्ष 496 ईस्वी में मनाया गया था। इसके मुताबिक वेलेंटाइन डे की शुरुआत रोमन फेस्टिवल से हुई और धीरे धीरे यह दो प्यार करने वालों के बीच पूरी दुनिया में फैल गया । इसे प्यार और रोमांस का दिन भी कहा जाता है। इस दिन दो प्यार करने वाले हमेशा एक दूसरे के साथ रहने का वादा करते हैं।

मसूरी में जॉन मेनन के बार्लोज स्थित स्कूल में लैटिन भाषा के शिक्षक थे

वेलेंटाइन डे से कई कहानियां जुड़ी हैं। कहते हैं भारत में वेलेंटाइन डे सेलिब्रेशन की शुरुआत पहाड़ों की रानी मसूरी से हुई। यही वो जगह है जहां साल 1843 में पहला वेलेंटाइन खत लिखा या था। इस खत को इंग्लैंड में जन्मे मोर मॉन्क ने लिखा था। जो उन दिनों मसूरी में जॉन मेनन के बार्लोज स्थित स्कूल में लैटिन भाषा के शिक्षक थे।

मोर मॉन्क का निधन 1849 में हुआ था

मशहूर लेखक और इतिहासकार गोपाल भारद्वाज बताते हैं कि मोर मान्क को लिजाबेथ लुईनश नाम की लड़की से प्यार हो गया था। 14 फरवरी 1843 को उन्होंने मसूरी से एक पत्र अपनी बहन के नाम इंग्लैंड भेजा था, जिसमें उन्होंने अपनी बहन माररेट को अपनी अपनी भावनाओं के बारे में बताया था। साल 1849 में जब मोर मॉन्क का निधन हुआ, तब वह मेरठ में रह रहे थे।

मोर मॉन्क के लिखे लेटर का पता 150 साल बाद पड़ा

मोर मॉन्क के लिखे इस लेटर का पता तब चला जब 150 साल बाद मोर मॉन्क के रिश्तेदार ,एंड्रयू मोर्न ने वर्ष 1828 से 1849 के बीच लिखे, इस पत्र का जिक्र मसूरी मर्चेंट इंडियन लेटर्स पुस्तक में किया, जिसमें मोर मॉन्क का लिखा लेटर भी शामिल है।

पत्र रिकॉर्ड बुक में दर्ज हुआ

मसूरी मर्चेंट द इंडियन लैटर्स बुक के अनुसार मोर मॉन्क ने अपनी बहन को लिखे पत्र में बताया था कि उन्हें एलिजाबेथ लुईन से प्यार होता है। देश में पहली बार प्रेम के इस पत्र के रिकॉर्ड बुक में दर्ज होने से माना जाता है कि इसी दिन से भारत में वेलेंटाइन डे का आगाज हुआ था। मसूरी की खूबसूरत वादियों में सैकड़ों साल पहले लिखा ये लेटर प्यार के अहसास और उसकी खूबसूरती का प्रस्तुतिकरण करता है। इस संदर्भ में इतिहासकार गोपाल भारद्वाज ने पुस्तक तथा पत्र की प्रतिलिपि दिखाते हुए कहा कि यह ऐतिहासिक वेलेंटाइन डे पत्र है।

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